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Arun Gawli Gets Supreme Court Bail: 18 साल बाद जेल से छूटेगा अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली, सुप्रीम कोर्ट ने दी हत्या मामले में जमानत!

Arun Gawli Gets Supreme Court Bail: 18 साल बाद जेल से छूटेगा अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली, सुप्रीम कोर्ट ने दी हत्या मामले में जमानत!

Arun Gawli Gets Supreme Court Bail: मुंबई के कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली एक बार फिर सुर्खियों में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 28 अगस्त 2025 को उन्हें 2007 में शिवसेना पार्षद कमलाकर जामसांडेकर की हत्या के मामले में जमानत दे दी। 17 साल से ज्यादा समय तक जेल में रहने और 76 साल की उम्र को देखते हुए कोर्ट ने यह राहत दी। हालांकि, एक अन्य मामले की सजा के चलते उनकी रिहाई अभी संभव नहीं है। आइए जानते हैं इस हाई-प्रोफाइल मामले की पूरी कहानी।

Article (Hindi): मुंबई के अंडरवर्ल्ड की दुनिया में एक समय डैडी के नाम से मशहूर अरुण गवली को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। 28 अगस्त 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने 2007 के एक हत्या मामले में उन्हें जमानत दे दी। यह मामला शिवसेना के पार्षद कमलाकर जामसांडेकर की हत्या से जुड़ा है, जो 2 मार्च 2007 को मुंबई के घाटकोपर में हुई थी। उस दिन कमलाकर अपने रोजमर्रा के काम खत्म करके घर लौटे थे। वह टीवी देख रहे थे, तभी कुछ हमलावर उनके घर में घुस आए और उन पर गोलियां चला दीं। इस गोलीबारी में कमलाकर की मौके पर ही मौत हो गई।

पुलिस की जांच में इस हत्या के पीछे अरुण गवली का नाम सामने आया। जांच में पता चला कि कमलाकर और कुछ लोगों के बीच जमीन के सौदे को लेकर विवाद था, जिसके चलते 30 लाख रुपये की सुपारी देकर उनकी हत्या करवाई गई। मई 2008 में अरुण गवली को इस मामले में गिरफ्तार किया गया। उस समय वह चिंचपोकली से विधायक थे। मुंबई की एक सत्र अदालत ने 2012 में उन्हें और 11 अन्य लोगों को इस हत्या का दोषी ठहराया। कोर्ट ने गवली को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 17 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।

इसके बाद गवली ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील की, लेकिन 9 दिसंबर 2019 को हाई कोर्ट ने उनकी सजा को बरकरार रखा। फिर गवली ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। उनकी अपील अभी भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी 17 साल से ज्यादा की कैद और 76 साल की उम्र को ध्यान में रखते हुए जमानत दी। जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने कहा कि यह जमानत निचली अदालत की शर्तों पर दी जाएगी। मामले की अगली सुनवाई फरवरी 2026 में होगी।

हालांकि, जमानत मिलने के बावजूद गवली अभी जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे। वह नागपुर सेंट्रल जेल में एक अन्य मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। इससे पहले, जुलाई 2010 में उन्हें 18 साल पुराने एक जबरन वसूली मामले में जमानत मिली थी, लेकिन हत्या के मामले के चलते वह रिहा नहीं हो सके। मई 2025 में एक विशेष मकोका अदालत ने 2005 के एक अन्य वसूली मामले में उन्हें सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था।

अप्रैल 2024 में बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने 2006 की सजा माफी नीति के तहत उनकी समयपूर्व रिहाई का आदेश दिया था। लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, और जुलाई 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। अरुण गवली का नाम 1980 और 1990 के दशक में मुंबई के अंडरवर्ल्ड में खूब गूंजता था। वह 2004 से 2009 तक चिंचपोकली से विधायक भी रहे।

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