दिल्ली की राजनीति में इस समय एक नई बहस छिड़ गई है। मामला मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की उस आधिकारिक समीक्षा बैठक से जुड़ा है, जिसमें उनके पति मनीष गुप्ता भी साथ बैठे नजर आए। ये बैठक रविवार को शालीमार बाग विधानसभा में जनसेवा सदन में हुई थी, जहां विकास कार्यों की प्रगति पर चर्चा की जा रही थी। लेकिन बैठक से ज्यादा सुर्खियां उन तस्वीरों ने बटोरीं, जिनमें सीएम के पति को अधिकारियों के साथ बैठे देखा गया।
सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरें
बैठक की तस्वीरें जैसे ही सामने आईं, सोशल मीडिया पर ये मुद्दा तूल पकड़ने लगा। खुद सीएम रेखा गुप्ता के आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट और सीएमओ के अकाउंट से तस्वीरें शेयर की गईं, जिसके बाद विपक्ष ने निशाना साधना शुरू कर दिया।
आप नेताओं ने कसा तंज
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने इन तस्वीरों की तुलना मशहूर वेब सीरीज़ ‘पंचायत’ के काल्पनिक गांव फुलेरा से कर दी। उन्होंने लिखा, “दिल्ली की सरकार फुलेरा की पंचायत बन गई है। जैसे वहां महिला प्रधान का पति ही प्रधान बनकर फैसले करता है, ठीक वैसे ही यहां मुख्यमंत्री की मीटिंग में उनके पति बैठे नजर आ रहे हैं।”
सौरभ भारद्वाज ने इसे संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था का मजाक बताते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी उसी परिवारवाद को बढ़ावा दे रही है, जिसके खिलाफ वो कांग्रेस पर तीखे हमले करती आई है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सीएम को अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं और अधिकारियों पर भरोसा नहीं रहा कि उन्हें अपने पति की मदद लेनी पड़ रही है?
दिल्ली सरकार बनी फुलेरा पंचायत
जैसे फुलेरा की पंचायत में महिला प्रधान के पति प्रधान की तरह काम करते थे , आज दिल्ली में CM के पति आधिकारिक मीटिंग में बैठ रहे हैं ।
हमने पहले भी बताया था कि CM आले पति आधिकारिक मीटिंग में बैठते हैं , अधिकारियों के साथ मीटिंग और इंस्पेक्शन करते… pic.twitter.com/40D3kz5OXU
— Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) September 7, 2025
संजय सिंह का ‘सुपर सीएम’ हमला
आप सांसद संजय सिंह ने भी इस मामले को हवा दी। उन्होंने भारद्वाज की पोस्ट साझा करते हुए लिखा, “फुलेरा की पंचायत में आपका स्वागत है। दिल्ली में अब दो सीएम हैं , रेखा गुप्ता असली सीएम और उनके पति सुपर सीएम। बीजेपी सरकार ने महज छह महीने में ही राजधानी का हाल खराब कर दिया है।”
विपक्ष बनाम सत्ता पक्ष
हालांकि बीजेपी की ओर से इस विवाद पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। लेकिन विपक्ष इस मुद्दे को ‘परिवारवाद’ और ‘सुपर सीएम’ की संज्ञा देकर लगातार सवाल खड़े कर रहा है।
कुल मिलाकर, एक साधारण समीक्षा बैठक ने दिल्ली की सियासत में नया तूफान खड़ा कर दिया है। अब देखना होगा कि इस विवाद पर सीएम रेखा गुप्ता और बीजेपी क्या सफाई देती है।
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