भारत को 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन मिल गए हैं। उन्हें कुल 452 वोट मिले, जबकि इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 मत हासिल हुए। लेकिन इस चुनाव के नतीजों के बाद सबसे बड़ी चर्चा क्रॉस वोटिंग और अवैध मतों पर छिड़ी। इसी मुद्दे पर शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राउत का बयान सामने आया है।
विपक्ष को मिले पूरे वोट – राउत
संजय राउत ने कहा कि विपक्षी खेमे के वोट पूरी तरह सुदर्शन रेड्डी को ही मिले हैं। उनके मुताबिक, विपक्ष के पास लगभग 314–315 वोट थे, जिनमें से 300 वोट सीधे रेड्डी के पक्ष में पड़े। जबकि 14–15 वोटों को अवैध घोषित कर दिया गया। राउत ने सवाल उठाया कि जब सभी मत रेड्डी के पक्ष में थे तो आखिर उन्हें अवैध क्यों करार दिया गया?
अकाली दल और KCR की पार्टी पर हमला
राउत ने इस दौरान अकाली दल और तेलंगाना की पार्टी (KCR) पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ये दोनों दल अक्सर संसद में बीजेपी का साथ देते हैं, लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग से दूर रहे। राउत ने इसे विपक्ष के खिलाफ बड़ी साज़िश करार दिया।
वोटिंग से पहले की अपील
चुनाव से पहले ही संजय राउत ने इंडिया गठबंधन के सभी सांसदों से अपील की थी कि वे “अंतरात्मा की आवाज” सुनकर बी. सुदर्शन रेड्डी को वोट दें। उनका कहना था कि ये चुनाव सिर्फ एक पद के लिए नहीं, बल्कि संविधान की रक्षा और लोकतंत्र की आत्मा को बचाने की लड़ाई है।
क्रॉस वोटिंग पर उठे सवाल
एनडीए की भारी जीत के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि विपक्ष के कुछ नेताओं ने गुपचुप तरीके से क्रॉस वोटिंग की। हालांकि, संजय राउत ने इसे पूरी तरह नकार दिया और कहा कि विपक्षी वोटों में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। असली सवाल ये है कि जिन वोटों को अवैध बताया गया, उन्हें क्यों खारिज किया गया?
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