Mumbai Water Metro: मुंबई शहर में रोजाना ट्रैफिक जाम और भीड़ की मार झेलने वाले लोगों को अब पानी के रास्ते से राहत मिलने वाली है। महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई वॉटर मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड यानी KMRL को डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट यानी DPR तैयार करने का ठेका दे दिया है। यह काम 4.4 करोड़ रुपये की लागत से होगा, जो प्रतिस्पर्धी टेंडर के जरिए मिला है। KMRL पहले ही इस परियोजना की व्यवहार्यता रिपोर्ट बना चुकी है, जिसके आधार पर अब DPR बनेगी। साल के अंत तक यह रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी, और अगर सब ठीक रहा तो 2026 से काम शुरू हो सकता है।
यह मुंबई वॉटर मेट्रो नेटवर्क मुंबई महानगरीय क्षेत्र यानी MMR में करीब 250 किलोमीटर लंबे जलमार्गों पर बनेगा। इसमें 10 प्रमुख रूट्स और 29 टर्मिनल होंगे, जो वसई, मणोरी, वसई-वैतरणा, ठाणे, पनवेल और करंजा जैसे इलाकों को जोड़ेंगे। यात्री अब वॉटर मेट्रो से ठाणे या वसई से सीधे पनवेल या दक्षिण मुंबई तक पहुंच सकेंगे। इससे सड़क और रेल पर बोझ कम होगा, और रेल-रोड-नदी को जोड़ने वाली बेहतर कनेक्टिविटी बनेगी। कोच्चि की वॉटर मेट्रो की तर्ज पर यह प्रोजेक्ट मुंबई के लिए नया विकल्प साबित होगा।
KMRL के मैनेजिंग डायरेक्टर लोकनाथ बेहरा ने कहा कि मुंबई जैसे शहर में बैकवॉटर, पोर्ट एरिया और समुद्री रास्तों पर वॉटर मेट्रो चलाना चुनौतीपूर्ण है। लेकिन कोच्चि के अनुभव से यह संभव होगा। KMRL ने पहले 11 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 18 शहरों में जल परिवहन का अध्ययन किया है। पटना और श्रीनगर की रिपोर्ट दे चुकी है, जबकि अहमदाबाद और गुवाहाटी की रिपोर्ट जल्द पूरी होगी। इनलैंड वॉटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी IWAI के निर्देश पर यह काम हो रहा है।
शहरी यातायात के जानकारों का कहना है कि 250 किमी वॉटर मेट्रो नेटवर्क से मुंबई में प्रदूषण और जाम कम होगा। लोगों का समय बचेगा, और किफायती सफर का नया तरीका मिलेगा। मुंबई के व्यस्त जीवन में यह बदलाव लोगों को पसंद आएगा। वॉटर मेट्रो से यात्रा तेज और आरामदायक बनेगी, खासकर उन इलाकों के लिए जो समुद्र या नदियों से जुड़े हैं। KMRL का यह DPR प्रोजेक्ट मुंबई को आधुनिक बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा।
मुंबई वॉटर मेट्रो प्रोजेक्ट की शुरुआत से शहर की ट्रांसपोर्ट सिस्टम में नया दौर आएगा। जलमार्ग नेटवर्क मुंबई को जोड़ेगा, और यात्री अब पानी पर सफर का मजा ले सकेंगे। KMRL की विशेषज्ञता से यह प्रोजेक्ट सफल होगा, और 2026 में वॉटर मेट्रो दौड़ने लगेगी।
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