Zakir Naik HIV Denial: सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो गया, जिसमें जाकिर नाइक को कुआलालंपुर के एक अस्पताल के बेड पर लेटे दिखाया गया। दावा किया गया कि वे और उनका परिवार एचआईवी से पीड़ित हैं। लेकिन मंगलवार को जाकिर नाइक ने इन सबको सिरे से खारिज कर दिया। मलेशिया में रह रहे इस विवादित इस्लामी उपदेशक ने रिपोर्ट्स को ‘रबिश’ कहा। उनके वकील अबेदिन बिन अब्दुल कादर ने कहा कि नाइक पूरी तरह स्वस्थ हैं और परिवार भी ठीक है।
अबेदिन ने शाह आलम से फ्री प्रेस जर्नल को बताया कि नाइक ने कभी उस अस्पताल का मुंह नहीं देखा, जहां उन्हें भर्ती होने की बात कही गई। वीडियो फर्जी है। दोस्तों ने मलेशिया और सिंगापुर से ये क्लिप भेजी थी चेक करने को। अस्पताल तो असली है, लेकिन नाइक वहां कभी नहीं गए। वकील ने कहा कि ये सब नफरत भरी खबरें हैं। पत्नी और बाकी परिवार भी साथ है और सब कुशल मंगल हैं।
जाकिर नाइक मेडिकल डॉक्टर हैं, लेकिन 2016 से भारत से बाहर हैं। उसी साल उनकी इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) पर बैन लगा। उन पर नफरत फैलाने, आतंक फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट और मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत केस चल रहे हैं। वे शांति सम्मेलनों में गैर-मुस्लिमों को इस्लाम की ओर ले जाने के आरोप झेल रहे हैं। आईआरएफ के ऑफिस बंद हो गए और वेबसाइट ब्लॉक है।
एक पुराने वीडियो में नाइक कहते सुनाई देते हैं कि भारत छोड़ना पड़ा क्योंकि उन्होंने दावाह किया। गैर-मुस्लिम उन्हें प्यार करते थे, लेकिन राजनेताओं को पसंद न आया। मलेशिया में रहना उन्होंने हिजरा बताया, जो धर्म के लिए सफर है। वे कहते हैं कि मलेशिया से भारत में ज्यादा दावाह कर रहे हैं। इंटरपोल ने भारत की रेड कॉर्नर नोटिस की अपील ठुकरा दी। मलेशिया सरकार ने प्रत्यर्पण से इनकार किया। नाइक का पासपोर्ट रद्द है, लेकिन उन्हें वहां स्थायी निवास मिला हुआ है।
अबेदिन ने बताया कि एक भारतीय टीवी चैनल पर ये रिपोर्ट दिखाई गई, जिसके खिलाफ डिफेमेशन केस की प्लानिंग हो रही है। जाकिर नाइक HIV denial ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। वकील ने दोहराया कि ये फर्जी खबरें उनकी लोकप्रियता से जलन की वजह से फैलाई जा रही हैं। नाइक अभी विदेश में हैं और उनका स्वास्थ्य बिल्कुल सामान्य है।
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