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मुंबई में पति ने तकिये से मुंह दबाकर की पत्नी की हत्या, वजह कर देगी हैरान

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मुंबई जैसे शहर में जहां सपनों और संघर्ष की कहानियां रोज़ जन्म लेती हैं, वहीं एक दर्दनाक घटना ने हर किसी को झकझोर दिया। पवई इलाके में एक रिटायर्ड एयरलाइन कर्मचारी ने अपनी ही पत्नी की जान ले ली। ये वही पत्नी थी, जिससे उसका रिश्ता शादी के महज़ दो साल बाद ही टूट चुका था और दोनों लगभग 30 साल से अलग रह रहे थे।

30 साल पुराने रिश्ते का अंत हत्या से
54 वर्षीय शालिनी देवी और राजीव चंद्रकांत लाला की शादी साल 1993 में हुई थी। लेकिन घरेलू विवादों ने रिश्ते को इस कदर खोखला कर दिया कि 1995 से दोनों अलग रहने लगे। अलगाव के बावजूद विवाद और झगड़े खत्म नहीं हुए। कभी प्रॉपर्टी तो कभी निजी मुद्दों पर दोनों के बीच तनाव बना रहता था।

शनिवार की रात राजीव अपनी पत्नी के घर कुछ डॉक्यूमेंट्स लेने पहुंचा। लेकिन मुलाकात जल्द ही कहासुनी में बदल गई और गुस्से में राजीव ने ऐसा कदम उठा लिया, जिसने सबको हैरान कर दिया। तकिये से मुंह दबाकर उसने शालिनी की हत्या कर दी। वारदात के बाद आरोपी भाग निकला, लेकिन जल्द ही उसके पीछे छूटे सबूतों ने पुलिस को सच तक पहुंचा दिया।

मोबाइल और कार की चाबी ने खोला राज
हत्या के बाद राजीव इतना घबराया हुआ था कि अपना मोबाइल फोन और कार की चाबी मौके पर ही छोड़ गया। यही लापरवाही उसके गुनाह का सबसे बड़ा सबूत बन गई। जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो इन चीजों को कब्जे में लेकर जांच शुरू की और जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में राजीव ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।

रिश्ते में हमेशा रहा तनाव
पुलिस जांच में सामने आया कि अलग रहने के बावजूद शालिनी और राजीव के बीच झगड़े अक्सर होते थे। प्रॉपर्टी विवाद भी उनके रिश्ते में जहर घोल रहा था। पुलिस का कहना है कि राजीव पहले भी शालिनी के साथ मारपीट कर चुका था।

सवाल जो उठते हैं
ये घटना सिर्फ एक हत्या की कहानी नहीं, बल्कि उन टूटे रिश्तों की हकीकत भी है जो समय के साथ और ज़हरीले होते चले जाते हैं। 30 साल का अलगाव भी गुस्से और विवाद को खत्म नहीं कर सका। ये सवाल खड़ा करता है कि क्या हमारे समाज और तंत्र में ऐसे रिश्तों को संभालने और सुलझाने की कोई ठोस व्यवस्था है?

मुंबई जैसे व्यस्त महानगर में, जहां लोग अपनी-अपनी जद्दोजहद में डूबे रहते हैं, ये घटना हमें याद दिलाती है कि अधूरे रिश्ते और दबे हुए विवाद कभी खत्म नहीं होते, बल्कि समय के साथ और भी खतरनाक हो जाते हैं।

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