नासिक के ऐतिहासिक पंचवटी क्षेत्र में इस बार दशहरा उत्सव खास अंदाज़ में मनाया गया। भगवान श्रीराम की नगरी में 42 फुट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया गया, जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु और दर्शक पहुंचे।
पंचवटी: रामायण से जुड़ा ऐतिहासिक स्थल
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पंचवटी वही जगह है जहां से रामायण ने नया मोड़ लिया था। यहीं रावण की बहन शूर्पणखा ने भगवान राम और लक्ष्मण को विवाह का प्रस्ताव दिया था। लक्ष्मण ने क्रोधित होकर शूर्पणखा की नाक और कान काट दिए थे। यही घटना आगे चलकर सीता हरण और रावण वध का कारण बनी।
इस बार बदला परंपरा का रूप
हर साल पंचवटी में रावण, मेघनाथ और कुंभकरण, तीनों पुतलों का दहन किया जाता है। लेकिन इस बार नासिक में लगातार भारी बारिश के चलते केवल रावण का ही दहन किया गया। प्रभु श्रीराम की प्रतिमा ने जैसे ही तीर छोड़ा, पलक झपकते ही 42 फुट का रावण धधक उठा और आसमान में जय श्रीराम के नारे गूंज उठे।
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सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम
कार्यक्रम को देखते हुए नासिक जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट रहा। लगभग 2000 पुलिसकर्मी और सुरक्षा बल तैनात किए गए ताकि भीड़ में कोई अव्यवस्था न हो। प्रशासन ने सुनिश्चित किया कि श्रद्धालु सुरक्षित तरीके से इस भव्य आयोजन का आनंद ले सकें।
महाराष्ट्र भर से पहुंचे श्रद्धालु
पंचवटी का रावण दहन सिर्फ नासिक ही नहीं, पूरे महाराष्ट्र में प्रसिद्ध है। इस बार भी मुंबई, पुणे, नागपुर और कई अन्य जिलों से लोग यहां पहुंचे। भारी बारिश के बावजूद भीड़ में उत्साह कम नहीं हुआ और सभी ने मिलकर बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व मनाया।
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