महाराष्ट्र की राजनीति कभी शांत समुद्र की तरह नहीं रही, ये तो हमेशा तूफानों से भरी एक नाव की सवारी जैसी है। और इस बार, दशहरा के पवित्र अवसर पर गोरेगांव के नेस्को प्रदर्शनी केंद्र में आयोजित शिवसेना (शिंदे गुट) की भव्य रैली ने तो जैसे आग में घी डाल दिया। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ठाकरे भाइयों उद्धव और राज पर सीधा निशाना साधा, तो वहीं उनके साथी रामदास कदम ने बालासाहेब ठाकरे के निधन से जुड़ा एक ऐसा संवेदनशील मुद्दा उठाया, जो पूरे राज्य की सियासत को हिला गया। आगामी मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनावों की पृष्ठभूमि में ये बयान सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि एक राजनीतिक बम हैं। चलिए, इस पूरे ड्रामे को विस्तार से समझते हैं, क्योंकि ये सिर्फ खबर नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के भविष्य की एक झलक है।
ठाकरे भाइयों का ‘मनोमिलन’? शिंदे ने कहा – चिंता मत करो, ‘हिसाब’ तो हमारे पास है!
कल्पना कीजिए: दशहरा रैली का मंच, हजारों कार्यकर्ता उत्साहित, और बीच में खड़े एकनाथ शिंदे, जिनकी आवाज़ में न सिर्फ आत्मविश्वास है, बल्कि एक छिपी हुई धमकी भी। BMC चुनावों से पहले चल रही अफवाहों के बीच, जहां उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) और राज ठाकरे की मनसे के बीच गठबंधन की बातें गर्म हैं, शिंदे ने साफ लफ्ज़ों में कहा, “ठाकरे भाइयों के मनोमिलन की चिंता मत करो, उनका हिसाब हमारे पास है!”
ये ‘हिसाब’ शब्द सुनते ही हवा में तनाव फैल गया। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि शिंदे यहां उद्धव और राज के पुराने राजनीतिक फैसलों, पारिवारिक विवादों और निजी मामलों से जुड़े ऐसे ‘खुलासे’ का इशारा कर रहे हैं, जो चुनावी माहौल को और गरमा सकते हैं। ठाकरे परिवार मुंबई की सियासत का भावनात्मक केंद्र रहा है। बालासाहेब की विरासत पर सवाल उठाना तो जैसे आग में तेल छिड़कना है। शिंदे का यह बयान महायुति (शिवसेना-भाजपा-एनसीपी गठबंधन) की ताकत का प्रतीक है, जो दावा कर रहा है कि BMC सहित राज्य के सभी निकाय चुनावों में जीत निश्चित है।
और हां, मुंबई के भविष्य पर भी शिंदे ने निशाना साधा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर BMC में महायुति का महापौर नहीं बना, तो शहर फिर से भ्रष्टाचार और विकास के गड्ढों में फंस जाएगा। साफ संदेश: मुंबई को साफ-सुथरा और तेज़ी से बढ़ता हुआ रखने के लिए महायुति का राज ज़रूरी है। BMC, जो देश की सबसे अमीर नगरपालिकाओं में शुमार है, अब शिंदे गुट और उद्धव गुट के बीच अस्तित्व की जंग बन चुकी है। क्या यह ‘हिसाब’ वाकई कोई बड़ा खुलासा होगा? या सिर्फ चुनावी जोर-शोर? आने वाले दिन बताएंगे।
रामदास कदम का विस्फोटक बम: ‘बालासाहेब के फिंगरप्रिंट क्यों लिए गए थे?’
अब बात उस बयान की, जो शायद सबसे ज्यादा विवादास्पद साबित हो रहा है। उसी रैली के मंच से रामदास कदम ने उद्धव ठाकरे पर सीधा हमला बोला। उनका दावा? बालासाहेब ठाकरे के निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को दो दिन तक मातोश्री पर रखा गया, और उद्धव ने उनकी उंगलियों के निशान (फिंगरप्रिंट) ले लिए! कदम ने सवाल उठाया, “ये निशान आखिर क्यों लिए गए? क्या यह बालासाहेब की वसीयत से जुड़ा कोई दस्तावेज़ था?”
यह आरोप बालासाहेब की मृत्यु (2012) के बाद की घटनाओं को फिर से कुरेद रहा है—वसीयत, संपत्ति बंटवारे और शिवसेना की कमान सौंपने की प्रक्रिया पर पहले से ही सवाल उठते रहे हैं। कदम का कहना है कि ये फिंगरप्रिंट शायद वसीयत पर सहमति दिखाने के लिए लिए गए, लेकिन इसकी सत्यता पर संदेह है। यह बयान न सिर्फ राजनीतिक है, बल्कि बेहद निजी और भावनात्मक, क्योंकि बालासाहेब हिंदुत्व के प्रतीक हैं, और उनके सम्मान को छूना मतलब शिवसेना कार्यकर्ताओं के दिलों को छूना।
उद्धव गुट ने तुरंत पलटवार किया। पार्टी नेता चंद्रकांत खैरे ने कदम को “फालतू व्यक्ति” और “सनसनी फैलाने वाला” करार देते हुए इन आरोपों को “निराधार” बताया। उनका कहना है कि उद्धव गुट इस निचले स्तर की राजनीति में फंसने वाला नहीं, जहां दिवंगत नेता के सम्मान को ठेस पहुंचाई जाए। लेकिन सवाल यह है, क्या ये आरोप सिर्फ हवा में उड़ाए गए गुब्बारे हैं, या इनमें सच्चाई की कोई परत है? फिलहाल, कोई स्वतंत्र जांच नहीं हुई, लेकिन यह विवाद ठाकरे विरासत की लड़ाई को और गहरा बना रहा है।
क्या कहती है यह सारी मसाला? महाराष्ट्र की सियासत का नया अध्याय
दोस्तों, BMC चुनाव सिर्फ सीटों की लड़ाई नहीं, यह ठाकरे परिवार की विरासत, मुंबई के विकास और महायुति बनाम महा विकास अघाड़ी की महायुद्ध है। शिंदे का ‘हिसाब’ और कदम का फिंगरप्रिंट वाला बयान इस जंग को व्यक्तिगत रंग दे रहा है। एक तरफ शिंदे गुट अपनी ताकत दिखा रहा है, तो दूसरी तरफ उद्धव-राज का संभावित गठबंधन मुंबई की सड़कों पर नया रंग भर सकता है। लेकिन याद रखिए, राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं, आज की धमकी कल की हंसी बन सकती है।
आपका क्या ख्याल है? क्या शिंदे का ‘हिसाब’ वाकई कोई बड़ा राज खोलेगा, या यह सिर्फ चुनावी ड्रामा है? नीचे कमेंट्स में अपनी राय ज़रूर शेयर करें।
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