कोल्हापुर: हटकानंगले तालुका के कुछ होस्टलों के छात्रों द्वारा अन्य छात्रों पर की जा रही मारपीट के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) में रोष फैल गया है। पार्टी ने इन घटनाओं को गंभीर बताते हुए आरोपियों पर एंटी-रैगिंग कानून के तहत कार्रवाई की मांग की है और कोल्हापुर भर के सभी शैक्षणिक संस्थानों अधिकृत और अनधिकृत दोनों में रैगिंग से जुड़े मामलों की जांच के लिए विशेष समिति बनाने की भी मांग उठाई है।
क्या है पूरा मामला?
मीडिया व सोशल प्लेटफॉर्म पर जारी वीडियो में कुछ होस्टल के छात्र अन्य छात्रों पर हमला करते दिख रहे हैं। MNS ने इन दृश्यों की कड़ी निंदा की है और कहा कि जिन लोगों को हमला करते हुए देखा गया है, उन पर सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
MNS की मांगें और कदम
MNS छात्र इकाई के जिलाध्यक्ष अभिजीत राऊत ने कहा कि पार्टी इस मांग का दो महीने से पीछा कर रही है। उन्होंने बताया कि कोल्हापुर में कई अनधिकृत शैक्षणिक संस्थान सक्रिय हैं और उनकी सूची पहले ही शिक्षा विभाग को सौंप दी जा चुकी है। MNS बार-बार इन संस्थानों को तत्काल बंद करने की मांग करती रही है।
MNS ने साफ शब्दों में कहा है कि, “यदि कुछ दिनों में कड़े कदम नहीं उठाए गए तो महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना संबंधित अधिकारियों को ‘MNS स्टाइल’ में सबक सिखाएगी।”
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मुद्दे की गंभीरता और संभावित परिणाम
अनधिकृत संस्थानों में निगरानी व नियमों का पालन न होने से छात्रों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। रैगिंग जैसी घटनाएं केवल पीड़ितों के शारीरिक नुकसान ही नहीं करतीं, बल्कि उनके भावनात्मक व शैक्षिक जीवन पर भी लंबा असर डालती हैं। विशेष समिति से न सिर्फ साक्ष्य-आधारित जांच संभव होगी, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए सिफारिशें भी तैयार की जा सकती हैं।
आगे क्या होगा
MNS ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्होंने शिक्षा विभाग को अनधिकृत संस्थानों की सूची दे दी है और अगर विभाग ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो पार्टी सख्त कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगी। स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग की ओर से किसी आधिकारिक बयान का इंतजार है। आने वाले दिनों में इस घटना की जांच और विभागीय कार्रवाई पर ही घटनाक्रम स्पष्ट होगा।
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