बिहार चुनाव 2025 के लिए महागठबंधन ने गुरुवार (23 अक्टूबर) को पटना के मौर्या होटल में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़े ऐलान किए। इस मौके पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस नेता अशोक गहलोत, कांग्रेस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी, सीपीआईएम के दीपांकर भट्टाचार्य और अन्य सहयोगी दलों के नेता मौजूद रहे।
सबसे अहम ऐलान ये था कि तेजस्वी यादव ही महागठबंधन के मुख्यमंत्री फेस होंगे। ये घोषणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने की।
वीआईपी के मुकेश सहनी का बयान
वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा कि लाखों कार्यकर्ता लंबे समय से इस ऐलान का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वो गठबंधन के विधायकों को तोड़ने और खरीदने की कोशिश कर रही है। सहनी ने कहा, “जब तक बीजेपी को तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं। अब समय आ गया है कि महागठबंधन मजबूती से एकजुट होकर सरकार बनाए।”
सीटों पर मतभेद और चुनौती
महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर पहले तनाव की स्थिति रही थी। करीब 13 सीटों पर महागठबंधन के प्रत्याशी आमने-सामने हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक अशोक गहलोत ने बुधवार को तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव से मुलाकात कर मतभेदों को सुलझाने की कोशिश की।
पोस्टर विवाद
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए जो पोस्टर लगाया गया, उसमें सिर्फ तेजस्वी यादव की तस्वीर लगी थी और अन्य सहयोगी दलों के सिर्फ सिंबल दिखाए गए। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर लिखा, “महागठबंधन में भारी अंतर्कलह अब सरेआम हो चुका है। पहले राहुल गांधी ने तेजस्वी को चेहरा नहीं माना, अब तेजस्वी ने राहुल गांधी को पोस्टर से गायब कर दिया।” सांसद पप्पू यादव ने भी इस पर आपत्ति जताई और कहा कि “गठबंधन में शामिल सभी नेताओं की तस्वीर होनी चाहिए, नहीं तो संदेश गलत जाता है।”
बिहार चुनाव 2025 में महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री फेस घोषित कर स्पष्ट संदेश दिया है कि ये गठबंधन सरकार बनाने के लिए तैयार है। हालांकि, पोस्टर विवाद और सीटों पर मतभेद इस बात का संकेत हैं कि महागठबंधन को चुनाव तक एकजुट रहने की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
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