Delhi Murder Case: दिल्ली के तिमारपुर इलाके से निकला एक ऐसा केस जिसने फॉरेंसिक साइंस की किताबों को भी चौंका दिया है। ये कहानी है 21 वर्षीय छात्रा अमृता चौहान की, जो अपराध सुलझाने की पढ़ाई कर रही थी, लेकिन खुद ने एक अपराध की स्क्रिप्ट लिख डाली। अमृता ने अपने पूर्व प्रेमी सुमित कश्यप और साथी संदीप कुमार के साथ मिलकर UPSC की तैयारी कर रहे रामकेश मीणा की हत्या की और उसे आग लगाकर हादसे का रूप देने की कोशिश की।
आग जिसने खोली एक खौफनाक साजिश
6 अक्टूबर की रात दिल्ली के तिमारपुर इलाके की एक इमारत की चौथी मंज़िल पर आग लगने की खबर पुलिस को मिली। फायर ब्रिगेड पहुंची तो अंदर से झुलसा हुआ एक शव बरामद हुआ। शुरुआती जांच में इसे आगजनी का हादसा माना गया, लेकिन फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद मामला पलट गया।
पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में दो नकाबपोश युवक और एक लड़की बिल्डिंग से निकलते दिखे। यहीं से पुलिस को शक हुआ कि ये कोई हादसा नहीं, बल्कि हत्या है।
मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल ने खोला राज़
मृतक के परिवार ने घटना को संदिग्ध बताया तो पुलिस ने उसकी कॉल डिटेल और मोबाइल लोकेशन खंगालनी शुरू की। जांच में सामने आया कि अमृता चौहान का फोन लोकेशन घटना के वक्त उसी इलाके में था। इसके बाद पुलिस ने आगजनी की जांच को हत्या के केस में बदल दिया।
लगातार तलाश के बाद, 18 अक्टूबर को पुलिस ने अमृता को मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) से गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने अपने अपराध की पूरी साजिश कबूल कर ली।
आपत्तिजनक वीडियो बनी साजिश की जड़
अमृता ने पुलिस को बताया कि उसके पास मौजूद आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो रामकेश के पास थे, जिन्हें मिटाने से उसने इनकार कर दिया था। यही बात अमृता के लिए ब्लैकमेल और बदले की आग बन गई। उसने अपने पूर्व प्रेमी सुमित और दोस्त संदीप के साथ मिलकर रामकेश को खत्म करने की योजना बनाई।
घी, तेल और वाइन से रचा गया “हादसे” का नाटक
पुलिस के मुताबिक, 5 और 6 अक्टूबर की रात तीनों ने मिलकर रामकेश का गला दबाकर उसकी हत्या की। हत्या के बाद उन्होंने कमरे में घी, तेल और वाइन डालकर आग लगा दी। सुमित, जो गैस सिलिंडर डिस्ट्रीब्यूटर था, उसने सिलिंडर खुला छोड़ दिया ताकि धमाका हो और घटना एक आकस्मिक आग की तरह लगे। कुछ ही मिनटों में कमरा भयावह आग की लपटों में घिर गया, और रामकेश की लाश पहचान से परे हो गई।
फॉरेंसिक की छात्रा बनी अपराध की मास्टरमाइंड
विडंबना ये रही कि जिस लड़की ने अपराध सुलझाने की पढ़ाई की थी, वही हत्या की मास्टरमाइंड निकली। अमृता चौहान बीएससी फॉरेंसिक साइंस की छात्रा थी, लेकिन उसने अपनी पढ़ाई का इस्तेमाल अपराध को छिपाने में किया।
पुलिस के हाथ लगे अहम सबूत
अमृता की निशानदेही पर पुलिस ने बरामद किए –
मृतक की हार्ड डिस्क, जिसमें अमृता की तस्वीरें थीं,
एक ट्रॉली बैग और रामकेश की शर्ट,
वारदात में इस्तेमाल दो मोबाइल फोन।
अब पुलिस ये पता लगाने में जुटी है कि क्या इस साजिश में और कोई शामिल था।
न्याय की पढ़ाई से लेकर अपराध के कटघरे तक
अमृता चौहान की ये कहानी उस पैरेलल रेखा की तरह है जहां ज्ञान और अपराध का टकराव होता है। जो युवती कभी अपराध सुलझाने का सपना देखती थी, वो अब कटघरे में आरोपी बन चुकी है।
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