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महाराष्ट्र में 246 नगर परिषद और 42 नगर पंचायतों के लिए चुनावी बिगुल बजा 

महाराष्ट्र में 246 नगर परिषद और 42 नगर पंचायतों के लिए चुनावी बिगुल बजा 
महाराष्ट्र में 246 नगर परिषद और 42 नगर पंचायतों के लिए चुनावी बिगुल बजा 
मुंबई: महाराष्ट्र – महाराष्ट्र राज्य में स्थानीय स्वशासन (Local Self-Governance) को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, राज्य चुनाव आयोग ने 246 नगर परिषदों (Municipal Councils) और 42 नगर पंचायतों (Nagar Panchayats) के लिए बहुप्रतीक्षित चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। इन चुनावों में 1.07 करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जो लोकतंत्र के उत्सव को निचले स्तर तक पहुंचाएगा।
चुनावी कार्यक्रम: मतदान 2 दिसंबर, मतगणना 3 दिसंबर
राज्य चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए कार्यक्रम के अनुसार, इन सभी शहरी स्थानीय निकायों में 2 दिसंबर को मतदान होगा। इसके बाद, परिणाम की घोषणा अगले दिन यानी 3 दिसंबर को होगी, जिसकी शुरुआत सुबह 10:00 बजे से होगी।
महत्वपूर्ण तिथियां:
  • नामांकनकीशुरुआत:10नवंबर
  • नामांकन भरने की अंतिम तारीख 17 नवंबर होगी
  • नामांकन पत्रों की जांच: 18 नवंबर
  • नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख: 21 नवंबर
  • मतदान: 2 दिसंबर
  • मतगणना (परिणाम): 3 दिसंबर (सुबह 10:00 बजे से)

 

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1.07 करोड़ मतदाता करेंगे भविष्य का फैसला
ये निकाय चुनाव महाराष्ट्र के शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इन चुनावों में कुल 1 करोड़ 7 लाख 3 हजार 576 मतदाता हिस्सा लेंगे। यह भारी संख्या न केवल चुनावी प्रक्रिया में नागरिकों की गहरी भागीदारी को दर्शाती है, बल्कि स्थानीय विकास और नीतियों को प्रभावित करने वाले नेताओं को चुनने के उनके अधिकार को भी रेखांकित करती है।
  • इन चुनावों के माध्यम से कुल 6,859 सदस्यों (Members) और 288 अध्यक्षों (Presidents) का चयन किया जाएगा।
  • मतदान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के माध्यम से होगा, जिसके लिए राज्य भर में 13,355 मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
जमीनी स्तर पर लोकतंत्र की परीक्षा
ये चुनाव कई वर्षों से लंबित थे, और माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी राज्य चुनाव आयोग को 31 जनवरी, 2026 से पहले स्थानीय निकाय चुनाव कराने का निर्देश दिया था। इसलिए, इन चुनावों को न केवल प्रशासनिक आवश्यकता के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि यह सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के लिए भी एक बड़ी परीक्षा है।
स्थानीय निकाय चुनाव सीधे तौर पर नागरिक सुविधाओं, बुनियादी ढांचे, जल आपूर्ति, स्वच्छता और स्थानीय करों जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को प्रभावित करते हैं। मतदाताओं का मत सीधे उनके क्षेत्र के भविष्य की दिशा तय करेगा। इन चुनावों के नतीजे आगामी बड़े विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए महाराष्ट्र की राजनीतिक नब्ज और जमीनी स्तर के रुझानों को समझने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
आयोग की तैयारी: पारदर्शिता और नवाचार
राज्य चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने और डुप्लीकेट मतदाताओं की पहचान करने के लिए विशेष उपाय किए हैं, जिसमें नए तकनीकी उपकरण और मोबाइल ऐप का उपयोग शामिल है। वरिष्ठ नागरिकों, गर्भवती महिलाओं और दिव्यांगजनों के लिए प्राथमिकता के आधार पर मतदान की सुविधा प्रदान की जाएगी, साथ ही महिला मतदाताओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए ‘पिंक पोलिंग बूथ’ भी स्थापित किए जाएंगे।

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