महाराष्ट्र की सियासत में इन दिनों हलचल तेज़ है। एकनाथ शिंदे गुट की बढ़ती नाराजगी के बाद बीजेपी ने एक बड़ा फैसला लेते हुए स्पष्ट कर दिया है कि वो शिवसेना (शिंदे गुट) के किसी भी नेता या कार्यकर्ता को अपनी पार्टी में शामिल नहीं करेगी। ये आश्वासन सीधे बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की ओर से मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे को दिया गया है।
नाराजगी की वजह क्या थी?
सूत्रों के अनुसार, ठाणे, कल्याण-डोंबिवली और पालघर जैसे शिंदे गुट के मज़बूत क्षेत्रों में कुछ नेता और कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल होने की तैयारी कर रहे थे। इस बात से शिवसेना मंत्री बेहद नाराज थे। इसी नाराजगी के चलते उन्होंने हाल ही में हुई कैबिनेट मीटिंग का बहिष्कार कर दिया और बैठक के दौरान सीएम फडणवीस के दफ्तर में जाकर बैठ गए।
कैबिनेट मीटिंग में अनुपस्थित रहे शिवसेना मंत्री
कैबिनेट मीटिंग के दौरान जब सभी विभागों के मंत्री मौजूद थे, तब शिवसेना के मंत्री मीटिंग रूम के बजाय सीएम फडणवीस के कार्यालय में पहुंचे। बाद में उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और साफ कहा कि शिवसेना के कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल करने से उनके संगठन में असंतोष बढ़ रहा है।
तनाव कम करने की कोशिश
मुलाकात के दौरान सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मंत्रीपत्नी को समझाया कि उल्हासनगर में दल-बदल की शुरुआत स्वयं शिवसेना ने की थी। उन्होंने कहा कि यदि शिंदे गुट ऐसा करता है तो उसे सही कहा जाता है, और यदि बीजेपी ऐसा करे तो उसे गलत कैसे माना जा सकता है?
इसके बावजूद, बढ़ते तनाव को देखते हुए फडणवीस ने आश्वासन देते हुए साफ कहा कि अब से दोनों दल एक-दूसरे के कार्यकर्ताओं को शामिल नहीं करेंगे। ये नियम दोनों पार्टियों पर समान रूप से लागू होगा। इस प्रस्ताव पर शिंदे और फडणवीस दोनों की सहमति बन गई है।
सीनियर नेताओं की बैठक दो दिनों में
अब अगले दो दिनों में शिवसेना और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक होने जा रही है, जिसमें ये चर्चा होगी कि महायुति गठबंधन में किन जिलों में संगठनात्मक टकराव है और इसे कैसे सुलझाया जा सकता है। खासकर निकाय चुनावों से पहले इस बैठक को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
शिवसेना और बीजेपी के बीच जारी खींचतान के बीच ये फैसला दोनों दलों के लिए राहत लेकर आया है। राजनीतिक संदेश स्पष्ट है, कि गठबंधन को टूटने से बचाने के लिए दोनों पक्ष अब अपने-अपने कार्यकर्ताओं की ‘एंट्री पॉलिसी’ पर सख्ती से अमल करेंगे।
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