माइक्रोसॉफ्ट ने भारत के लिए अब तक का अपना सबसे बड़ा निवेश प्लान जारी किया है। कंपनी अगले चार वर्षों, यानी 2026 से 2029 के बीच, लगभग 17.5 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 1.57 लाख करोड़ रुपये) भारत में लगाएगी। ये घोषणा माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्य नडेला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद की। ये निवेश आकार के लिहाज़ से एशिया में माइक्रोसॉफ्ट का सबसे बड़ा इन्वेस्टमेंट माना जा रहा है।
नडेला ने कहा कि ये निवेश भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड सर्विसेज़, डेटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर और स्किल डेवलपमेंट को मजबूत करने के लिए किया जा रहा है। कंपनी देश में नए हाई-स्केल डेटा सेंटर बनाने के साथ-साथ चेन्नई, हैदराबाद और पुणे जैसे शहरों में पहले से मौजूद डेटा सेंटर हब का विस्तार करेगी। माइक्रोसॉफ्ट भारत में सॉवरेन पब्लिक और प्राइवेट क्लाउड सेवाएं भी शुरू करेगी, जिससे संवेदनशील डेटा भारत के भीतर ही सुरक्षित रूप से स्टोर और प्रोसेस किया जा सकेगा।
कंपनी का ये भी दावा है कि इस निवेश से भारत के टेक इकोसिस्टम में बड़ा परिवर्तन आएगा क्योंकि माइक्रोसॉफ्ट 2030 तक लगभग 2 करोड़ भारतीयों को AI, क्लाउड और डिजिटल टेक्नोलॉजी से संबंधित स्किल्स में प्रशिक्षित करने की योजना बना रही है। इससे देश में उच्च-कौशल वाली नौकरियों और नए रोजगार अवसरों में बढ़ोतरी होगी।
माइक्रोसॉफ्ट सरकार की डिजिटल सर्विसेज़ को भी तकनीकी रूप से मजबूत करने की दिशा में काम करेगा। e-Shram और NCS (नेशनल करियर सर्विस) जैसे प्लेटफॉर्म में AI आधारित फीचर्स जोड़े जाएंगे, जिससे जॉब-मैचिंग, बहुभाषीय अनुवाद और रिज्यूमे निर्माण जैसी सेवाएं अधिक प्रभावी और सरल होंगी।
कुल मिलाकर, माइक्रोसॉफ्ट का ये विशाल निवेश भारत में AI और क्लाउड तकनीक के विस्तार को नई गति देगा, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेगा, करोड़ों युवाओं को नई नौकरी और कौशल के अवसर प्रदान करेगा और भारत को वैश्विक टेक हब बनने की दिशा में आगे बढ़ाएगा।
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