कांग्रेस सांसद शशि थरूर को स्वयंसेवी संगठन HRDS इंडिया ने ‘वीर सावरकर इंटरनेशनल इम्पैक्ट अवार्ड 2025’ देने का ऐलान किया था, लेकिन थरूर ने इसे स्वीकार करने से साफ इनकार कर दिया है। ये पुरस्कार उन लोगों को दिया जाना है जिनके काम को संगठन ने वीर सावरकर के आदर्शों से जोड़ा है और उनके प्रभाव को सम्मानित करना है। थरूर सहित कुल छह लोगों के नाम इस अवॉर्ड के लिए घोषित किए गए थे। समारोह 10 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली के NDMC कन्वेंशन हॉल में होना था, जिसका उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे।
थरूर ने कहा कि उन्हें इसके बारे में पहले कोई जानकारी नहीं दी गई थी और न ही उन्होंने अपने नाम की अनुमति दी थी। उन्हें ये नाम मीडिया रिपोर्टों से पता चला जब वे केरल में स्थानीय निकाय चुनाव के लिए थे। थरूर ने आयोजकों को उनकी सहमति के बिना नाम घोषित करने के लिए “गैर-जिम्मेदार” बताया और स्पष्ट किया कि बिना स्पष्ट जानकारी और सहमति के वे पुरस्कार स्वीकार भी नहीं कर सकते और समारोह में भाग भी नहीं लेंगे।
इस प्रतिक्रिया के बाद कांग्रेस पार्टी के भीतर भी चर्चा चल पड़ी है, और कुछ नेताओं ने कहा है कि किसी भी कांग्रेस सदस्य को वीर सावरकर के नाम पर दिए जाने वाले अवॉर्ड को स्वीकार नहीं करना चाहिए।
कुल मिलाकर शशि थरूर ने इस सम्मान को अस्वीकार कर दिया है क्योंकि उनका कहना है कि अवॉर्ड के लिए नाम उनकी अनुमति के बिना घोषित किया गया, और वे इसे स्वीकार करने या आयोजन में शामिल होने की स्थिति में नहीं हैं।































