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मुंबई में आवारा कुत्तों की सेहत का ख्याल: 25 हज़ार कुत्तों का टीकाकरण, अभियान जारी

मुंबई में आवारा कुत्तों की सेहत का ख्याल: 25 हज़ार कुत्तों का टीकाकरण, अभियान जारी
BMC और पशु-कल्याण संस्थाओं के प्रयास से मुंबई में आवारा कुत्तों का बड़े पैमाने पर टीकाकरण चल रहा है। अभी तक 25000 कुत्तों को रेबीज का टीका लगाया जा चुका है। उम्मीद है कि मार्च 2024 तक 70% आवारा कुत्तों का टीकाकरण हो जाएगा।
  • कितने कुत्तों का टीकाकरण: 25,000 आवारा कुत्तों का सितंबर 2023 से टीकाकरण हो चुका है।
  • उद्देश्य: जानलेवा रेबीज बीमारी से कुत्तों और इंसानों को बचाना।
  • लक्ष्य: मार्च 2024 तक 70% आवारा कुत्तों का टीकाकरण ।
  • शहर में आवारा कुत्ते: 2014 की जनगणना के अनुसार मुंबई में तकरीबन 95 हजार आवारा कुत्ते हैं।
  • कौन कर रहा है अभियान: BMC का वेटरनरी हेल्थ डिपार्टमेंट और पशु कल्याण के लिए काम करने वाली संस्थाएं (Janice Smith Animal Welfare Trust, Youth Organization in Defense of Animals etc.)
रेबीज जानलेवा वायरल बीमारी होती है जो अकसर पागल जानवरों (खासकर कुत्तों) के काटने से फैलती है। आवारा कुत्तों को ठीक से देखभाल और टीके ना लगने की वजह से वे इंसानों के लिए बड़ा खतरा बन जाते हैं। इसीलिए शहरों में इस बीमारी की रोकथाम के लिए आवारा कुत्तों का टीकाकरण बहुत जरूरी होता है।
BMC का ‘मुंबई रेबीज उन्मूलन परियोजना’ के तहत आवारा कुत्तों को रेबीज से बचाने के लिए अभियान जारी है। BMC के अधिकारियों (म्युनिसिपल कमिश्नर, अतिरिक्त म्युनिसिपल कमिश्नर तथा अन्य ) इस महत्वपूर्ण काम की देखरेख कर रहे हैं। अभियान में कुत्तों का टीकाकरण करने के लिए प्रशिक्षित लोगों की टीमें बनाई गई हैं, जो शहर के हर हिस्से में जाकर इस काम को अंजाम देंगी।
  • सितंबर 2023 से टीकाकरण: 25 हजार कुत्तों का
  • 2024 का लक्ष्य: 70% कुत्तों को टीका लग जाएगा
  • मुंबई में आवारा कुत्ते: 95 हजार के लगभग
यह टीकाकरण मुंबई की सेहत के लिए बहुत जरूरी है। इससे हम जानलेवा बीमारी रेबीज के फैलने के खतरे को कम कर सकते हैं। कई बार सड़कों पर खेलते-कूदते बच्चे जानवरों का शिकार होते हैं। कुत्तों का टीकाकरण करने से ना सिर्फ लोगों के काटने का खतरा कम होगा बल्कि कुत्तों की खुद की ज़िंदगी भी बेहतर बनेगी।
आवारा कुत्तों का बड़े स्तर पर चल रहा यह टीकाकरण BMC और सामाजिक संस्थाओं की ओर से महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे पागल कुत्ते के काटने का खतरा कम होगा और कुत्तों की सेहत भी बेहतर हो जाएगी।

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