SC/ST एक्ट, यानी शेड्यूल्ड कास्ट/शेड्यूल्ड ट्राइब्स एक्ट, हमारे देश के कुछ सबसे कमज़ोर तबकों को सुरक्षा देने के लिए बना है। ये एक्ट दलितों और आदिवासियों के साथ होने वाली ज़्यादतियों और भेदभाव से बचाने में मदद करता है। लेकिन कई बार कोर्ट केसेज़ में ये साबित करना मुश्किल होता है कि क्या सच में अन्याय हुआ है। इसीलिए अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है – SC/ST एक्ट से जुड़े सभी मामलों की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग होनी चाहिए!
पहले ये साफ नहीं था कि ‘कार्यवाही’ या ‘प्रोसीडिंग्स’ किसे माना जाए। कई बार गवाह कोर्ट में अपनी बात बदल देते थे, या फिर आरोपी अपना जुर्म मानने से इनकार कर देते थे। पर अब किसी के पास झूठ बोलने का मौका नहीं होगा, क्योंकि कैमरा सब कुछ रिकॉर्ड कर लेगा! हालांकि अभी तक महाराष्ट्र की सभी कोर्ट्स में वीडियो रिकॉर्डिंग की सुविधा नहीं है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि वो जल्द से जल्द इसका इंतज़ाम करे!
ये फैसला 2019 में हुए डॉक्टर पायल ताडवी खुदकुशी केस से जुड़ा है। पायल के सीनियर्स उन पर बहुत जुल्म करते थे, जिसकी वजह से उन्होंने अपनी जान दे दी। इस केस में भी झूठे बयान और सबूतों से छेड़छाड़ की बात सामने आ रही थी। बॉम्बे हाईकोर्ट के इस फैसले से ऐसे केसेज़ में न्याय मिलना आसान हो जाएगा। पीड़ितों और गवाहों को अदालत में खुद को ज़्यादा सुरक्षित महसूस होगा, क्योंकि वो जानते हैं कि अब उनका झूठा फंसाया नहीं जा सकता!