मुंबई के भायखला इलाके में स्थित वीरमाता जिजाबाई भोसले प्राणी संग्रहालय, जिसे हम भायखला चिड़ियाघर के नाम से जानते हैं, वहां एक चिंताजनक खबर सामने आई है। सेंट्रल ज़ूलॉजिकल अथॉरिटी (CZA) की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022-23 में इस चिड़ियाघर में 40 जानवरों और पक्षियों की मौत हुई है। इन मौतों का मुख्य कारण हृदय रोग बताया जा रहा है।
इन मौतों पर ‘वॉचडॉग फाउंडेशन’ नामक संस्था ने जांच की मांग की है। उन्होंने चिड़ियाघर प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। संस्था का कहना है कि चिड़ियाघर में मरने वाले जानवरों में कुछ दुर्लभ प्रजातियां भी शामिल थीं। क्या चिड़ियाघर में इन जानवरों की सही देखभाल नहीं हो रही है? क्या उनकी मौत के पीछे कोई और कारण है? यह सवाल अब उठने लगे हैं।
वहीं, चिड़ियाघर के निदेशक, डॉ. संजय त्रिपाठी के अनुसार, चिड़ियाघरों में जानवरों की मौत एक सामान्य बात है। उन्होंने बताया कि प्राणी संग्रहालय में चार सौ से अधिक जानवर और पक्षी हैं, और इनमें से कुछ की मृत्यु वृद्धावस्था या बीमारी के कारण होना स्वाभाविक है।
हालांकि, ‘वॉचडॉग फाउंडेशन’ का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में जानवरों की मौत चिंता का विषय है। उन्होंने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के आयुक्त इकबाल सिंह चहल और सेंट्रल ज़ूलॉजिकल अथॉरिटी को पत्र लिखकर मामले की गहन जांच की मांग की है।
रिपोर्ट के अनुसार, चिड़ियाघर में जिन जानवरों की मौत हुई है उनमें चीतल, भौंकने वाले हिरण, खच्चर, तोते, और कछुए शामिल हैं।
अब देखना यह होगा कि बीएमसी और सेंट्रल ज़ूलॉजिकल अथॉरिटी इस मामले पर क्या कार्रवाई करते हैं। क्या चिड़ियाघर में जानवरों की मौत का असली कारण सामने आएगा?