मुंबई: अरे भई, त्यौहार आया और सरकार के हाथ बंध गए! गुढीपाड़ा और बाबासाहेब की जयंती पर गरीबों को मिलने वाले राशन किट के बंटवारे पर चुनाव वाले अड़ंगा लगा रहे हैं। अब सरकार को केंद्रीय चुनाव आयोग के आगे गिड़गिड़ाना पड़ेगा कि भाई साहब, अनुमति तो दे दो। वरना तो 1 करोड़ 69 लाख गरीबों की थाली में त्यौहार का वो स्वाद ही नहीं आएगा।
बीएमसी आयुक्त की कुर्सी भी गई!
इधर, चुनाव आयोग ने मुंबई के बड़े साहब IAS इकबाल सिंह चहल को भी चलता कर दिया है। बीएमसी आयुक्त की कुर्सी पर ये तो लंबे समय से जमे हुए थे। तीन साल से ज्यादा हो गए थे पद पर। चुनाव आयोग को ये बात हजम नहीं हुई, और उन्होंने चहल समेत दो और अफसरों को हटाने का फरमान सुना दिया। 2020 से चहल साहब बीएमसी के आयुक्त बने बैठे थे।
क्या है राशन किट का मामला?
सरकार ने ऐलान किया था कि 100 रुपए में चार चीज़ों वाला राशन किट देंगे – रवा, चना दाल, चीनी और तेल।
मंजूरी-वंजूरी तो हो गई, पर चुनाव का कोड लग गया बीच में। अब राशन किट का क्या होगा, भगवान ही जाने!
सरकार चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर मनुहार तो करेगी।
अब आगे क्या होगा?
देखते हैं बाबा, राशन किट मिलता है या गरीबों के त्यौहार में खटास ही रह जाती है। चहल साहब का क्या होगा, ये भी तो देखना होगा। मामला गरमाया हुआ है, खबरें तो और भी आएंगी!