राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को एक नया प्रमुख मिला है – डॉ. सदानंद दाते। 1990 बैच के दिलेर IPS अधिकारी, दाते साहब को उनकी ईमानदारी और अदम्य साहस के लिए जाना जाता है। शायद उन्हें याद किया जाता है 26/11 के मुंबई हमलों के दौरान बहादुरी से आतंकियों का मुकाबला करने के लिए, जिसके फलस्वरूप उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था।
सदानंद दाते सिर्फ बहादुर ही नहीं, बुद्धिमान भी हैं। पुणे विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि के अलावा वह इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) से एक योग्य लागत और प्रबंधन लेखाकार भी हैं। इतने बड़े पद पर होते हुए भी उन्हें उनके साथ काम कर चुके साथियों द्वारा एक ज़मीन से जुड़े और मेहनती अफसर के तौर पर जाना जाताता है।
उनकी ईमानदारी की एक मिसाल ये है कि जब मीरा भायंदर वसई विरार (MBVV) पुलिस आयुक्तालय के आयुक्त थे, तो एक ताकतवर मंत्री ने उन्हें फोन कर अपनी पसंद के इंस्पेक्टर को थानेदार बनाने का दबाव बनाया। दाते ने साफ मना कर दिया, ये कहते हुए कि या तो सरकार से लिखित आदेश ले कर आएं या उनका कार्यकाल खत्म होने तक इंतज़ार करें!
अब महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) के प्रमुख के रूप में काम करते हुए दाते साहब को NIA का प्रमुख बनाया जाना देश के लिए अच्छी खबर है।
दाते का अतीत: मुंबई में संयुक्त पुलिस आयुक्त, कानून और व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। मीरा भायंदर वसई विरार के पहले आयुक्त भी थे।
शिक्षा: पुणे विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट, इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया से लागत और प्रबंधन लेखाकार
सम्मान : 26/11 के दौरान साहस के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक