पीरियड्स, इस तरह की त्रासदी फिर ना हो: मुंबई के मलाड इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक 14 साल की लड़की ने अपने पहले मासिक धर्म के बाद कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। पुलिस का कहना है कि जानकारी और जागरूकता की कमी के कारण वह अत्यधिक तनाव में आ गई थी।
यह दुखद घटना इस बात को उजागर करती है कि हमारे समाज में मासिक धर्म को लेकर कितनी गलत धारणाएं और अज्ञानता है। लड़कियों को अक्सर उनके जीवन में इस प्राकृतिक बदलाव के लिए तैयार नहीं किया जाताता है। स्कूलों और घरों में अक्सर इस विषय पर खुलकर बात नहीं होती, जिससे लड़कियां भ्रम और डर के घेरे में आ जाती हैं।
पुलिस के अनुसार, इस मामले में भी लड़की को अपने पहले मासिक धर्म के अनुभव के बारे में सही जानकारी नहीं थी। वह इस प्राकृतिक प्रक्रिया से अनजान थी और इसलिए अत्यधिक चिंतित हो गई। इस मानसिक तनाव ने उसे आत्महत्या जैसा भयानक कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।
सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि मासिक धर्म के बारे में जागरूकता लाने के लिए समाज और सरकार को मिलकर प्रयास करने होंगे। मासिक धर्म से जुड़ी गलतफहमियों को दूर करने के लिए स्कूलों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए। माता-पिता को भी अपनी बेटियों से खुलकर बात करनी चाहिए और उन्हें मासिक धर्म के बारे में सही जानकारी देनी चाहिए।
इस तरह की त्रासदी फिर ना हो, इसके लिए हम सबको अपनी ज़िम्मेदारी समझनी होगी। महिलाओं के स्वास्थ्य के इस अहम पहलू पर खुलकर बातचीत ही बदलाव ला सकती है।