चुनाभट्टी इलाके में पिछले साल गैंगवार में घायल हुए चार गैंगस्टर अब रंगदारी के आरोप में गिरफ्तार हुए हैं। ये गैंगस्टर एक BMC कर्मचारी से पैसे ऐंठना चाहते थे और ना देने पर सामान लूटकर ले गए।
पिछले साल 25 दिसंबर को चुनाभट्टी गोलीकांड में इन चारों – आकाश खांडागले, उमेश फाले उर्फ पिंट्या, सुधीर बेटकर, और ऋषिकेश भोवाल को गोलियां लगी थीं। इस गैंगवार में उनका लीडर सुनील येरूनकर उर्फ पप्पू मारा गया था।
पुलिस के अनुसार, BMC सुपरवाइजर ने शिकायत में बताया कि चुनाभट्टी के लेबर कोर्ट के पास पानी के पाइप डालने का काम चल रहा था। तभी ये चारों पहुंचे और खुद को पिंट्या भाई के गैंग का बताकर ‘हफ्ता’ मांगने लगे। जब BMC कर्मचारी ने पैसे देने से मना किया, तो उन्होंने चाकू दिखाकर धमकी दी और फिर लगभग ₹3 लाख का सामान लूटकर भाग गए।
चुनाभट्टी पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों को 2 घंटे में धर दबोचा। पुलिस के अनुसार ये गैंग पहले से ही रंगदारी करता था लेकिन डर से कोई सामने नहीं आता था। गोलीकांड में घायल होने के बाद ये अपना नया गैंग बनाकर बिल्डर्स और ठेकेदारों से हफ्ता वसूल रहे थे।
आरोपियों पर IPC की कई धाराएं और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम भी लगाया गया है।