जलने के बाद का दर्द सिर्फ शरीर को ही नहीं झुलसाता, बल्कि ज़िंदगी की उम्मीदों को भी खाक कर देता है। लेकिन, नवी मुंबई के ऐरोली में स्थित नेशनल बर्न्स सेंटर (NBC) ऐसे ही लोगों के लिए आशा की किरण बनकर उभरा है। पिछले 23 सालों से ये संस्थान जलने के शिकार लोगों को सिर्फ इलाज ही नहीं, बल्कि एक नया जीवन भी दे रहा है।
जलने का हादसा किसी के साथ भी हो सकता है। ऐसे में, सही और त्वरित इलाज पीड़ित के लिए बेहद ज़रूरी होता है। नेशनल बर्न्स सेंटर को इसी मकसद से स्थापित किया गया था। मशहूर प्लास्टिक सर्जन डॉ. मनोहर एच. केसवानी के सपने को उनके बेटे डॉ. सुनील केसवानी ने साल 2001 में साकार किया।
स्किन बैंक की अनूठी पहल: NBC की एक खासियत है यहां मौजूद स्किन बैंक। जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो उनकी त्वचा को दान किया जा सकता है। ये दान की गई त्वचा जलने के पीड़ितों के इलाज में बहुत काम आती है। डॉ. सुनील केसवानी ने नीदरलैंड के यूरो टिश्यू बैंक के साथ मिलकर देश का पहला निजी स्किन बैंक बनाया।
इलाज के नए आयाम: सिर्फ त्वचा ही नहीं, NBC में कृत्रिम त्वचा बनाने के लिए स्किन रीजेनरेशन लैब भी है। यहां जलने के इलाज के लिए लगातार नए शोध होते रहते हैं, ताकि मरीज़ों को बेहतर से बेहतर इलाज मिल सके।
शारीरिक और मानसिक पुनर्वास: जलने के बाद सिर्फ शारीरिक घाव ही नहीं भरने होते, बल्कि अक्सर व्यक्ति का आत्मविश्वास भी टूट जाता है। NBC में जलने के मरीज़ों का पूरा पुनर्वास किया जाता है। इसमें ना सिर्फ शारीरिक चोटों का इलाज होता है, बल्कि मरीज़ के मनोबल को बढ़ाने के लिए काउंसलिंग भी की जाती है। यहां तक कि उन्हें दोबारा काम पर जाकर सामान्य जीवन जीने के लिए भी तैयार किया जाता है।
नेशनल बर्न्स सेंटर सिर्फ एक अस्पताल नहीं है। ये एक ऐसी संस्था है जो लोगों के जीवन में फिर से उम्मीद जगाती है। डॉक्टर्स और दूसरे कर्मचारियों की मेहनत और समर्पण से कई लोगों को नया जीवन मिला है।
NBC ‘मिशन आसरा’ नाम से एक प्रोजेक्ट भी चलाता है, जिसका मकसद है जलने के बाद विकलांग हो चुके लोगों को रोज़गार के साधन उपलब्ध कराना।
जलने से बचाव के लिए NBC स्कूल और कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम भी चलाता है।