मुंबई

मानसून से पहले BMC की जंग: नए कमिश्नर ने किया पूर्वी उपनगरों का दौरा, कई इलाकों में मिलेगी राहत

मानसून से पहले BMC की जंग: नए कमिश्नर ने किया पूर्वी उपनगरों का दौरा, कई इलाकों में मिलेगी राहत

मुंबई में हर साल मानसून के साथ आने वाली मुसीबत है जलभराव। इस समस्या से निपटने के लिए BMC लगातार काम करती है। इस बार BMC के नए कमिश्नर भुषण गगरानी ने खुद मोर्चा संभाला है और मानसून से पहले के काम का जायज़ा लेने के लिए पूर्वी उपनगरों का दौरा किया है।

मुंबई में जलभराव की समस्या के कई कारण होते हैं। बारिश के अलावा, मिठी नदी से आने वाला पानी, बढ़ती आबादी, और समुद्र में गिरने वाला गंदा पानी – ये सारी चीज़ें समस्या को और बढ़ा देती हैं। BMC का कहना है कि उनका मौजूदा ड्रेनेज सिस्टम कई दशक पुराना है, इसलिए उसे आधुनिक बनाने की ज़रूरत है।

 मुंबई के जलभराव वाले इलाके: कमिश्नर गगरानी ने अपने दौरे में सबसे पहले चेंबूर का दौरा किया। चेंबूर का पोस्टल कॉलोनी इलाका हर साल जलभराव से जूझता है। इसके अलावा, शेल कॉलोनी और तिलक नगर की तरफ जाने वाली सड़क भी मुश्किल में रहती है।

मिठी नदी की सफाई: BMC इस बार मिठी नदी की सफाई पर भी ध्यान दे रही है। कमिश्नर ने BKC और कल्पना सिनेमा इलाके में चल रहे सफाई काम का मुआयना किया।

लोगों की शिकायतें: कई स्थानीय नेताओं ने BMC पर काम ढीले तरीके से करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि हर साल वही काम होता है लेकिन समस्या जस की तस बनी रहती है। कई इलाकों के निवासियों को बरसात के दिनों में काफ़ी परेशानी उठानी पड़ती है।

BMC कमिश्नर का यह दौरा दिखाता है कि इस बार प्रशासन मानसून की तैयारी को लेकर गंभीर है। BMC के मुताबिक, मिठी नदी से 54% गाद निकाली जा चुकी है और मई के अंत तक ये काम पूरा हो जाएगा।

BMC ने पवई के लक्ष्मी बाग, API ड्रेन, उषा नगर ड्रेन और बॉम्बे ऑक्सीजन ड्रेन की भी सफाई का काम देखा है।

कमिश्नर ने जलभराव रोकने के लिए सुरक्षा दीवार बनाने और अतिक्रमण हटाने के आदेश भी दिए हैं।

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