मेजर अनुज सूद ने मई 2020 में आतंकवादियों के चंगुल से लोगों को बचाते हुए अपनी जान दे दी थी। उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। आखिरकार बॉम्बे हाई कोर्ट की कई बार की कोशिशों के बाद महाराष्ट्र सरकार ने उनके परिवार को एक करोड़ रुपये और 9000 रुपये मासिक भत्ता देने का ऐलान किया है।
मेजर सूद की पत्नी, आकृति सूद, ने इसके लिए हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। सरकार पहले ये कह रही थी कि मेजर सूद महाराष्ट्र के डोमिसाइल (स्थायी निवासी) नहीं थे, इसीलिए उन्हें ये लाभ नहीं दिया जा सकता।
हाई कोर्ट ने सरकार के इस रवैये पर नाराज़गी दिखाई, जिसके बाद बुधवार को एडवोकेट जनरल बिरेंद्र सराफ ने कोर्ट में बताया कि सरकार ने इस मामले को ‘विशेष केस’ मानते हुए ये सहायता देने का फैसला लिया है। कोर्ट ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया।
कोर्ट ने सरकार से कहा कि जल्द से जल्द यह पैसा मेजर सूद के परिवार को दे दिया जाए। जजों ने यह भी टिप्पणी की कि, “ये सच्ची मानवीय संवेदनाओं का मामला है। ऐसे में हमें कुछ करना चाहिए। हमेशा अपवाद होते हैं।”
देर से ही सही, लेकिन मेजर सूद के परिवार वालों को न्याय तो मिला! सरकार को चाहिए कि वो ऐसे फैसले बिना कोर्ट के दखल के जल्दी से जल्दी करे।
आकृति सूद ने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट को बताया था कि उनका परिवार महाराष्ट्र में ही बसना चाहता था, जिसके कुछ दस्तावेज़ी सबूत भी हैं। सरकार के इस फैसले के बाद अब आकृति सूद को 60 लाख और मेजर सूद के पिता को 40 लाख रुपये मिलेंगे। साथ ही, आकृति को हर महीने 9000 रुपये का भत्ता भी दिया जाएगा।