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मुंबई होर्डिंग हादसे की जांच के लिए हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति गठित

मुंबई होर्डिंग हादसे की जांच के लिए हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति गठित
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मुंबई होर्डिंग हादसे की जांच के लिए महाराष्ट्र सरकार ने अहम कदम उठाया है। 13 मई को घाटकोपर क्षेत्र में एक होर्डिंग गिरने से हुए हादसे की गंभीरता को देखते हुए सोमवार को हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश दिलीप भोसले की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित की गई है। इस हादसे में 17 लोगों की मौत हो गई थी और 70 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

इस घटना के दौरान तेज हवाओं और धूल भरी आंधी के चलते अवैध रूप से लगाया गया होर्डिंग बगल के पेट्रोल पंप पर गिर गया था। हादसे की भयावहता को देखते हुए राज्य सरकार ने इसकी गंभीरता से जांच कराने का निर्णय लिया है।

समिति का गठन

राज्य गृह विभाग द्वारा गठित इस समिति का मुख्य उद्देश्य घटना के सभी पहलुओं की विस्तृत जांच करना है। पुलिस ने इस मामले में ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक भावेश भिड़े को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने यह होर्डिंग लगाया था। साथ ही पुलिस ने उनके पूर्व कर्मचारियों जाह्नवी मराठे और सागर पाटिल तथा स्ट्रक्चरल इंजीनियर मनोज संघू को भी गिरफ्तार किया है, जिन्होंने विस्तृत निरीक्षण के बिना स्थिरता प्रमाण पत्र प्रदान किया था।

सरकारी कार्रवाई

बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के एन वार्ड में तैनात इंजीनियर सुनील दलवी से एसआईटी ने पूछताछ की है। रेलवे पुलिस महानिदेशक ने घटना की आंतरिक जांच की थी और अपनी रिपोर्ट महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक को सौंपी, जिन्होंने इसे राज्य सरकार को सौंप दिया।

इस हादसे के चलते राज्य सरकार ने होर्डिंग लगाने के नियमों और उसके निरीक्षण प्रक्रिया में कड़े कदम उठाने की योजना बनाई है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

यह कदम न केवल न्याय दिलाने की दिशा में उठाया गया है बल्कि इससे यह भी सुनिश्चित किया जा सकेगा कि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके।

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