Aadhaar Must for Tatkal Booking: भारतीय रेलवे की तत्काल टिकट बुकिंग हर दिन लाखों यात्रियों के लिए एक जरूरी प्रक्रिया है। हर सुबह, जैसे ही तत्काल बुकिंग की खिड़की खुलती है, लाखों लोग अपने सफर को पक्का करने के लिए IRCTC की वेबसाइट पर जुट जाते हैं। लेकिन अब इस प्रक्रिया में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। जल्द ही तत्काल बुकिंग (Tatkal Booking) के लिए आधार सत्यापन अनिवार्य होगा। यह कदम न केवल बुकिंग को और पारदर्शी बनाएगा, बल्कि आम यात्रियों को टिकट पाने में आसानी भी होगी।
हर दिन करीब 2.25 लाख यात्री IRCTC की ऑनलाइन वेबसाइट के जरिए तत्काल टिकट बुक करते हैं। 24 मई से 2 जून तक के आँकड़ों से पता चलता है कि AC क्लास के 1.08 लाख टिकटों में से पहले मिनट में औसतन 5,615 टिकट बुक हुए। लेकिन दूसरे मिनट में यह संख्या बढ़कर 22,827 हो गई। पहले 10 मिनट में 67,159 टिकट बिक गए, जो कुल ऑनलाइन AC टिकटों का 62.5% है। बाकी 37.5% टिकट 10 मिनट से लेकर चार्ट बनने तक बिके, जिसमें 3.01% टिकट खिड़की खुलने के 10 घंटे बाद बुक हुए।
नॉन-AC क्लास में भी तस्वीर कुछ ऐसी ही है। इस दौरान हर दिन औसतन 1.18 लाख टिकट ऑनलाइन बिके। पहले मिनट में 4,724 टिकट (लगभग 4%) और दूसरे मिनट में 20,786 टिकट (लगभग 17.5%) बुक हुए। पहले 10 मिनट में 66.4% टिकट बिक गए, और पहले घंटे में 84.02% टिकटों की बिक्री हो गई। बाकी टिकट अगले 10 घंटों में बिके। यह आँकड़े बताते हैं कि तत्काल टिकट की माँग कितनी ज्यादा है, और कितनी जल्दी ये टिकट खत्म हो जाते हैं।
रेलवे ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं कि टिकट असली यात्रियों तक पहुँचे। पिछले छह महीनों में 24 लाख से ज्यादा यूजर अकाउंट्स को निष्क्रिय या ब्लॉक किया गया है, जो ऑटोमेटेड टूल्स का इस्तेमाल कर टिकट बुक कर रहे थे। इसके अलावा, 2 लाख अकाउंट्स को संदिग्ध माना गया है, और उनकी आधार और अन्य दस्तावेजों के आधार पर जाँच चल रही है। IRCTC की वेबसाइट पर 130 मिलियन सक्रिय यूजर्स हैं, लेकिन इनमें से केवल 12 मिलियन आधार-सत्यापित हैं।
अब रेलवे ने फैसला किया है कि सभी गैर-आधार सत्यापित अकाउंट्स की विशेष जाँच होगी। अगर कोई अकाउंट संदिग्ध पाया गया, तो उसे बंद कर दिया जाएगा। आधार सत्यापन (Aadhaar Verification) से जुड़े अकाउंट्स को तत्काल बुकिंग के पहले 10 मिनट में प्राथमिकता मिलेगी। यहाँ तक कि अधिकृत IRCTC एजेंट्स को भी पहले 10 मिनट में बुकिंग की अनुमति नहीं होगी। इससे साफ है कि आधार सत्यापन अब जरूरी हो गया है।
रेलवे ने ऑटोमेटेड टूल्स के खिलाफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल शुरू किया है। यह तकनीक उन लोगों को पकड़ने में मदद करती है, जो सॉफ्टवेयर के जरिए टिकट हड़प लेते हैं। रेलवे का कहना है कि उनका एकमात्र लक्ष्य है कि हर असली यात्री को तत्काल टिकट मिले। इसके लिए नियमों को और सख्त किया जा रहा है। जल्द ही आधार-आधारित OTP सत्यापन भी बुकिंग के लिए जरूरी होगा। इतना ही नहीं, काउंटर पर तत्काल टिकट बुकिंग के लिए भी आधार सत्यापन की योजना है।
तत्काल बुकिंग की यह भागदौड़ हर दिन की कहानी है। चाहे वह मुंबई से दिल्ली का सफर हो या छोटे शहरों का, तत्काल टिकट यात्रियों के लिए आखिरी उम्मीद होते हैं। लेकिन कई बार टिकट कुछ ही सेकंड में खत्म हो जाते हैं, जिससे लोग निराश हो जाते हैं। आधार सत्यापन का यह नया नियम इस समस्या को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
रेलवे की यह पहल न केवल तकनीकी सुधार लाएगी, बल्कि आम लोगों का भरोसा भी बढ़ाएगी। जब टिकट बुकिंग पारदर्शी और निष्पक्ष होगी, तो यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना बनाने में आसानी होगी। खासकर उन लोगों के लिए, जिन्हें अचानक सफर करना पड़ता है, यह बदलाव एक राहत की तरह है।
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