Sanjeev Arora under ED investigation: प्रवर्तन निदेशालय (ED) की लगातार छापेमारी की खबरें आम हो चुकी हैं, और हाल ही में आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा का नाम भी इन मामलों में जुड़ गया है।
लुधियाना से ताल्लुक रखने वाले संजीव अरोड़ा के बिजनेस और सामाजिक कार्यों के चलते उनकी पहचान एक सफल उद्यमी के रूप में है। लेकिन, इन दिनों उनके नाम के साथ एक और बड़ा मुद्दा जुड़ गया है – ED जांच में संजीव अरोड़ा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप।
लुधियाना से अमेरिका तक: संजीव अरोड़ा का कारोबारी सफर
लुधियाना निवासी संजीव अरोड़ा (Sanjeev Arora) का बिजनेस साम्राज्य भारत तक सीमित नहीं है। 58 वर्षीय अरोड़ा ने अपने करियर की शुरुआत होजरी बिजनेस से की और 30 साल से भी ज्यादा समय से अपनी कंपनी ‘रितेश इंडस्ट्रीज लिमिटेड’ के ज़रिए एक्सपोर्ट का कारोबार संभाल रहे हैं। उनकी कंपनी मुख्य रूप से अमेरिका में माल का निर्यात करती है, और वर्जीनिया में उनका दफ्तर भी स्थापित है।
साल 2006 में उन्होंने रियल एस्टेट में कदम रखा और ‘रितेश प्रॉपर्टीज एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड’ नाम से अपने बिजनेस का विस्तार किया। उनके द्वारा विकसित किए गए ‘हैम्पटन बिजनेस पार्क’ और ‘हैम्पटन होम्स’ ने उन्हें रियल एस्टेट जगत में भी पहचान दिलाई। इसके अलावा, उन्होंने साल 2018 में महिलाओं के लिए फैशन ब्रांड ‘फैमेला’ की शुरुआत की और 2019 में मेटल इंडस्ट्री में भी प्रवेश किया। संजीव अरोड़ा (Sanjeev Arora) की गिनती अब उन उद्यमियों में होती है, जिनका कारोबार भारत से लेकर अमेरिका तक फैला है।
सामाजिक कार्यों में भी अहम भूमिका
अपनी सफलता के बावजूद, संजीव अरोड़ा (Sanjeev Arora) ने सामाजिक कार्यों में भी दिलचस्पी दिखाई है। उन्होंने अपने माता-पिता की याद में ‘कृष्ण प्राण ब्रेस्ट कैंसर चैरिटेबल ट्रस्ट’ की स्थापना की, जो कैंसर पीड़ित महिलाओं की मदद करता है। इसके साथ ही, वह ‘दयानंद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल गवर्निंग बोर्ड’ और ‘पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन’ जैसी संस्थाओं के सदस्य भी रह चुके हैं। इन सामाजिक कार्यों के कारण संजीव अरोड़ा (Sanjeev Arora) की छवि एक जिम्मेदार नागरिक की बनी है, लेकिन हाल ही में उनके खिलाफ उठे आरोप उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं।
ED की छापेमारी: धोखाधड़ी के आरोप
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हाल ही में संजीव अरोड़ा (Sanjeev Arora) के लुधियाना स्थित ठिकानों पर छापेमारी की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले की जांच के तहत की गई। सूत्रों का कहना है कि अरोड़ा पर धोखाधड़ी के जरिए जमीन हासिल करने के आरोप लगे हैं। हालांकि, अरोड़ा की तरफ से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह मामला काफी तूल पकड़ता जा रहा है।
वित्तीय घोटालों के मामलों में ED जांच में संजीव अरोड़ा (Sanjeev Arora under ED investigation) का नाम आने से उनके राजनीतिक और कारोबारी जीवन में हड़कंप मच गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस मामले का क्या परिणाम होता है और अरोड़ा पर लगे आरोपों की सच्चाई कितनी साबित होती है।
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