महाराष्ट्रमुंबई

शिवसेना के रविंद्र वायकर के रिश्तेदार पर फोन ले जाने का आरोप, क्या है सच?

शिवसेना के रविंद्र वायकर के रिश्तेदार पर फोन ले जाने का आरोप, क्या है सच?

मुंबई के राजनीतिक गलियारों में इस समय चर्चा का विषय है शिवसेना नेता रविंद्र वायकर के रिश्तेदार पर दर्ज हुआ मामला। मुंबई उत्तर-पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीतने वाले वायकर के रिश्तेदार पर 4 जून को वोट काउंटिंग सेंटर में मोबाइल फोन ले जाने का आरोप है।

वनराई पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक आर. राजभर ने बताया कि मुंबई पुलिस ने बुधवार को इस मामले में दो लोगों पर केस दर्ज किया है। इनमें एक पोलिंग स्टाफ दिनेश गुरव हैं, जिन्होंने पंडिरकर को गोरेगांव पूर्व के नेस्को ग्राउंड में काउंटिंग स्टेशन पर मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति दी थी। पंडिरकर, जो निर्दलीय उम्मीदवार लता शिंदे के प्रतिनिधि भी थे, उन पर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की संबंधित धाराओं और भारतीय दंड संहिता की धारा 188 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

कांटे की टक्कर और मात्र 48 वोटों से जीत

इस निर्वाचन क्षेत्र में शिवसेना के दो गुटों – एकनाथ शिंदे के रवींद्र वायकर और उद्धव ठाकरे के अमोल कीर्तिकर के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। अंतिम परिणाम के बाद वायकर को मात्र 48 वोटों से विजेता घोषित किया गया। यह जीत जितनी नजदीकी थी, उतनी ही विवादास्पद भी बन गई है।

शिकायत और जांच

भारत जन आधार पार्टी के एक कार्यकर्ता की शिकायत पर वायकर के रिश्तेदार एम. पंडिलकर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। जांच में पता चला कि पंडिलकर को मतगणना केंद्र में अपना मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं थी। पुलिस ने काउंटिंग सेंटर के सीसीटीवी फुटेज भी एकत्र किए हैं और मामले की गहन जांच कर रही है।

क्या है आगे की प्रक्रिया?

अधिकारियों के अनुसार, “हम मामले में आगे की जांच कर रहे हैं और अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।” इस मामले का राजनीतिक असर और इसकी जांच की दिशा आने वाले दिनों में स्पष्ट होगी।

मुंबई की राजनीति में यह मामला एक बड़ा मोड़ हो सकता है। रविंद्र वायकर की चुनावी जीत के बाद उनके रिश्तेदार पर लगे आरोप और पुलिस की जांच से यह स्पष्ट होता है कि राजनीतिक गलियारों में सब कुछ साफ-सुथरा नहीं है। इस घटना से यह भी साबित होता है कि चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और नियमों का पालन कितना महत्वपूर्ण है। आने वाले समय में देखना होगा कि इस मामले का अंजाम क्या होता है और इसका राजनीति पर क्या असर पड़ता है।

ये भी पढ़ें: राशिफल (आज का राशिफल) – 16 जून 2024

You may also like