Aditya Srivastava: भाई, क्या गजब कहानी है आदित्य श्रीवास्तव की। IIT कानपुर से इंजीनियरिंग करने के बाद गोल्डमैन सैक्स जैसी बड़ी कंपनी में बैठे थे – ढाई लाख की सैलरी थी, लेकिन UPSC का कीड़ा काटता रहा। आखिरकार डेढ़ साल बाद छोड़ी नौकरी और आ गए पढ़ाई करने। और क्या कमाल किया है – UPSC में फर्स्ट रैंक!
देखो, आदित्य कोई ऐसे-वैसे नहीं थे। होशियार शुरू से थे। पहले IIT में घुसे, फिर इतनी बड़ी नौकरी भी मिल गई। पर अंदर तो कुछ और ही चल रहा था। उनका IAS वगैरह बनकर देश की सेवा करने का जो सपना था, वो चैन ही नहीं लेने दे रहा था।
आखिरकार ठान ली कि अब जो होगा देखा जाएगा। UPSC की तैयारी में जुट गए पूरे जोश से। पर जैसा होता है, पहली बार में धक्का लग गया। 236वां रैंक आया तो था, पर मन में तूफान चल रहा था – ‘इतने पास आकर भी नहीं हुआ!’ लेकिन आदित्य ने यहीं पर अपना असली खेल दिखाया। पूरी तैयारी का पोस्टमार्टम किया – क्या गलती हुई, कहां सुधार करना है…और दोबारा जुट गए, लेकिन इस बार दोगुनी मेहनत से।
एक इंटरव्यू में आदित्य ने खुद कहा है कि “सेल्फ-मोटिवेशन ही सब कुछ है। जब खुद पर भरोसा करोगे, तो कोई नहीं रोक सकता।” आदित्य जैसे लड़कों को देखकर सच में लगता है कि हमारे देश का भविष्य उज्जवल है। इतनी अच्छी नौकरी का मोह छोड़कर समाज सेवा का जज्बा रखना कम बात नहीं! और उनका ये कहना कि “प्लान बनाओ, मेहनत करो, लगातार लगे रहो” – ये गीता का ज्ञान है यार, सीधे काम की बात
अब आदित्य IAS बनकर जनता के लिए काम करेंगे। उनका पहला मकसद है कि सरकार की जो भी योजनाएं हैं, उनको नीचे तक बढ़िया तरीके से पहुंचाना। उनका मानना है कि अगर सही नीयत और मेहनत हो, तो कुछ भी पाया जा सकता है।
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