2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए (NDA) को बड़ा झटका देते हुए एआईएडीएमके (AIADMK) ने सोमवार को बीजेपी गठबंधन से अलग होने की घोषणा की. पार्टी ने सर्वसम्मति से इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया. अन्नाद्रमुक के उप समन्वयक केपी मुनुसामी ने फैसले की घोषणा करते हुए कहा, “भाजपा का राज्य नेतृत्व पिछले एक साल से हमारे पूर्व नेताओं, हमारे महासचिव ईपीएस और हमारे कार्यकर्ताओं के बारे में लगातार अनावश्यक टिप्पणियां कर रहा है.”
AIADMK विपक्षी दल भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन का हिस्सा नहीं है. उसने सोमवार को कहा कि वह 2024 के लोकसभा चुनाव में एक अलग मोर्चे का नेतृत्व करेगा. इस फैसले का एआईएडीएमके पार्टी कार्यकर्ताओं ने चेन्नई में पटाखे फोड़ते हुए स्वागत किया.
इस गठबंधन के टूटने की आशंका तब से लगे जा रही जब पलानीस्वामी ने 14 सितंबर को अमित शाह से मुलाकात की थी. इसके बाद, एआईएडीएमके (AIADMK) के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली की यात्रा की, जहां माना जाता है कि उन्होंने भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा और भाजपा नेता पीयूष गोयल के साथ गठबंधन के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन यात्राओं का कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला क्योंकि बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने राज्य स्तरीय झगड़े में हस्तक्षेप नहीं किया.