AIMPLB Challenges Waqf Amendment in Supreme Court: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने देशभर के वक्फ ट्रस्टों से कहा है कि वे सरकार के नए Umeed पोर्टल पर अपनी संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन न करें। यह निर्देश तब तक लागू रहेगा, जब तक सुप्रीम कोर्ट वक्फ संशोधन एक्ट 2025 पर अपना अंतिम फैसला नहीं सुना देता। AIMPLB ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें कहा गया है कि यह कानून मुस्लिमों के अधिकारों को कमजोर करता है और इससे हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों जैसी दूसरी धार्मिक संपत्तियां भी खतरे में पड़ सकती हैं।
4 जून 2025 को केंद्रीय अल्पसंख्यक और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने Umeed सेंट्रल पोर्टल शुरू किया था। इस पोर्टल का मकसद वक्फ संपत्तियों का रियल-टाइम रजिस्ट्रेशन, सत्यापन और निगरानी करना है। सरकार का कहना है कि इससे वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन पारदर्शी होगा और खासकर मुस्लिम महिलाओं और बच्चों को फायदा होगा। लेकिन AIMPLB ने इसे सरकार का दखल बताया और पोर्टल का बहिष्कार करने को कहा। संगठन का कहना है कि इस समय रजिस्ट्रेशन करना सुप्रीम कोर्ट की अवमानना हो सकता है।
वक्फ संपत्तियां इस्लामिक कानून के तहत धर्मार्थ या धार्मिक कार्यों के लिए दान की गई संपत्तियां होती हैं। भारत में इनका प्रबंधन वक्फ एक्ट 1995 के तहत होता है। सितंबर 2024 के आंकड़ों के मुताबिक, देश में 8,70,000 वक्फ संपत्तियां हैं, जिनमें से 5,973 सरकारी संपत्तियों को वक्फ घोषित किया गया है। 4 अप्रैल 2025 को संसद ने वक्फ संशोधन एक्ट पारित किया, जिसे लेकर भारी विवाद छिड़ गया। इस कानून में वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने और संपत्तियों की जांच के लिए कलेक्टर की जगह जॉइंट सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी को नियुक्त करने जैसे बदलाव किए गए हैं।
AIMPLB के वरिष्ठ वकील यूसुफ मुच्छाला ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है। 14 जुलाई 2025 को कोर्ट के दोबारा खुलने के बाद अंतरिम फैसले की उम्मीद थी। AIMPLB का कहना है कि सरकार वक्फ संपत्तियों के प्रबंधकों (मुतवल्लियों) पर दबाव डाल रही है कि वे पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करें, जो संपत्तियों पर कब्जे की साजिश हो सकती है। संगठन का यह भी आरोप है कि यह कानून वक्फ बोर्डों की स्वायत्तता को खत्म करता है और गैरकानूनी है।
दूसरी तरफ, सरकार का कहना है कि Umeed पोर्टल से वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन आसान और पारदर्शी होगा। महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि लोग ऑनलाइन दस्तावेज जमा कर रहे हैं। उनका कहना था कि पुरानी कागजी व्यवस्था अब नहीं चल सकती। अगर दस्तावेज ऑनलाइन होंगे, तो दुनिया भर में कोई भी उन्हें देख सकेगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, उसका पालन किया जाएगा।
मुस्लिम संगठनों का कहना है कि यह कानून संविधान के खिलाफ है। AIMPLB ने मांग की है कि जब तक कोर्ट इसकी वैधता पर फैसला नहीं देता, तब तक इसे रोका जाए। इस बीच, कई राज्यों में वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट में 65 से ज्यादा याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनमें AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी, आप नेता अमानतुल्लाह खान और जमीअत उलमा-ए-हिंद जैसे लोग शामिल हैं। यह मामला अब देशभर में चर्चा का विषय बन गया है।
#WaqfAmendment #UmeedPortal #AIMPLB #SupremeCourt #MuslimRights
ये भी पढ़ें: 30 जुलाई 2025 का राशिफल: जानें सभी 12 राशियों के लिए दिन का हाल