अपने करियर के तीन दशकों में अजय देवगन ने लगभग हर तरह का किरदार निभाया है। ‘फूल और कांटे’ से शुरू हुई उनकी बॉलीवुड यात्रा में उन्होंने एक्शन हीरो के साथ-साथ संजीदा अभिनय की छाप छोड़ी है। अजय देवगन अपने फैंस को सरप्राइज करते रहते हैं और बॉक्स ऑफिस पर भी उनका जलवा बरकरार है, मगर लगता है अब वक्त आ गया है जब उन्हें अपनी फिल्में चुनने की प्रक्रिया में बदलाव करने होंगे।
अजय देवगन का स्टारडम और एक्टिंग दोनों एक लाजवाब तालमेल है। देवगन की इंटेंस आंखें, ब्रूडिंग लुक्स और प्राइवेसी को लेकर उनका रवैया उन्हें इंडस्ट्री में एक अलग छवि देता है। वह मीडिया की चकाचौंध से दूर रहने वाले एक्टर हैं, जो अपना काम कर अगली फिल्म की ओर बढ़ जाते हैं। देवगन की खासियत यही है कि वह सिर्फ फिल्मों में डांस, रोमांस, एक्शन, और टेक्निकल चीज़ें करते हैं – सेमिनार्स में नहीं। इंडस्ट्री में अक्षय कुमार, आमिर, शाहरुख, और सलमान खान के मुकाबले देवगन की छवि कुछ अलग रही है।
देवगन की फिल्म हमेशा अलग होती है। उनकी फिल्म भले ही अच्छी हो या बुरी, सुपरहिट हो या फ्लॉप, पर अजय देवगन के अपने फैन हैं जो उनकी फिल्मों का इंतज़ार करते हैं। ‘शैतान’ जैसी थ्रिलर हॉरर फिल्म भी बॉक्स ऑफिस पर अच्छी चल रही है, जो उनके फैन फॉलोइंग को और मज़बूत करेगी। लेकिन, अब ऐसा लगने लगा है कि देवगन के ‘एक्सपेरिमेंट’ एक ट्रायल एंड एरर की स्थिति में हैं। उन्हें बेहतरीन स्क्रिप्ट्स पर ध्यान देना होगा ताकि ‘स्टार’ और ‘एक्टर’ की छवि को साथ-साथ लेकर चल सकें।
देवगन के अलग-अलग जॉनर में काम करने के इतिहास पर भी नज़र डालें तो उन्होंने 90 के दशक में एक्शन फिल्मों से अपने करियर की शुरूआत की थी और बाद में ‘इश्क’, ‘ज़ख्म’ जैसी फिल्मों में काम कर इमेज में बदलाव किया। रोहित शेट्टी के साथ भी उन्होंने काम किया है और राम गोपाल वर्मा के साथ भी। वह रितुपर्णो घोष, विशाल भारद्वाज, संजय लीला भंसाली और प्रकाश झा जैसे अलग-अलग सिनेमा बनाने वाले निर्देशकों की पहली पसंद रहे हैं।