Ajit Pawar’s Bold Move: मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में नामांकन के आखिरी दिन NCP नेता अजित पवार की मजबूरी (Ajit Pawar’s Compulsion) सभी के सामने आई। उन्होंने भाजपा के कड़े विरोध के बावजूद नवाब मलिक को मानखुर्द सीट से एनसीपी का टिकट दे दिया।
नवाब मलिक को टिकट देने का कारण (Reason for Giving Ticket to Nawab Malik) सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। आखिरकार, भाजपा के भारी दबाव और मलिक पर दाऊद इब्राहिम और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोपों के बीच, अजित पवार ने ऐसा निर्णय क्यों लिया?
अजित पवार के इस कदम ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। भाजपा के साथ गठबंधन में रहते हुए भी उन्होंने यह बोल्ड स्टेप लेकर साबित कर दिया कि पार्टी की मजबूती के लिए वह किसी भी हद तक जा सकते हैं। यह कदम, जहां भाजपा के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है, वहीं अजित पवार के लिए यह राजनीति का एक मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है।
अजित पवार और नवाब मलिक का गठबंधन: क्या मजबूरी, क्या मजबूती?
मानखुर्द जैसे मुस्लिम बहुल इलाके में नवाब मलिक की अच्छी पैठ रही है, जो कि NCP के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू बन गया है। इस क्षेत्र में समाजवादी पार्टी के नेता अबू आज़मी जैसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी भी हैं, जिन्होंने पिछली बार शिवसेना को हराकर जीत हासिल की थी। यहां नवाब मलिक को उतारना एक रणनीतिक फैसला था, ताकि मुस्लिम वोट बैंक को साधा जा सके और समाजवादी पार्टी के वोट शेयर में सेंधमारी की जा सके।
NCP को नवाब मलिक जैसे नेता की जरूरत थी, जो अल्पसंख्यक वोटरों के बीच एक भरोसेमंद चेहरा बने रहें। पार्टी की मंशा है कि अजित पवार की मजबूरी (Ajit Pawar’s Compulsion) को खुद की मजबूती में बदल सके। नवाब मलिक की उम्मीदवारी ने भाजपा के साथ संबंधों पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है, लेकिन यह तय है कि NCP इस कदम से मुस्लिम वोट बैंक को एकजुट करने का प्रयास कर रही है।
Ajit Pawar’s Bold Move: मानखुर्द सीट पर अजित पवार का मास्टरस्ट्रोक
अजित पवार का यह कदम महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर साबित हो सकता है। उनके पास मानखुर्द सीट पर नवाब मलिक के अलावा कोई ठोस विकल्प नहीं था। नवाब मलिक की छवि विवादास्पद भले हो, लेकिन उन्हें मानखुर्द जैसे मुस्लिम बहुल क्षेत्र में अच्छी खासी लोकप्रियता हासिल है। यह NCP के लिए एक मजबूत दांव है, जो कि मानखुर्द में अबू आज़मी जैसे मजबूत उम्मीदवार से मुकाबला करने के लिए जरूरी था।
NCP ने आखिरकार नामांकन के आखिरी दिन के आखिरी पलों में नवाब मलिक को टिकट देने का कारण (Reason for Giving Ticket to Nawab Malik) को सभी के सामने स्पष्ट किया। इसके चलते मानखुर्द सीट पर भाजपा को बड़ी चुनौती मिलने की संभावना है, क्योंकि भाजपा का इस क्षेत्र में कभी खास दबदबा नहीं रहा।
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