Amit Shah Slams Congress Over POTA Act: लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने 2002 के पोटा कानून का जिक्र करते हुए कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार ने आतंकवाद से लड़ने के लिए यह सख्त कानून बनाया था। लेकिन 2004 में सत्ता में आई यूपीए सरकार ने, जिसे सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह चला रहे थे, इस कानून को खत्म कर दिया। शाह ने सवाल उठाया कि कांग्रेस ने यह कानून किसके फायदे के लिए हटाया। उनका इशारा था कि इस फैसले से आतंकियों को राहत मिली।
पोटा यानी प्रिवेंशन ऑफ टेररिज्म एक्ट 2002 एक ऐसा कानून था, जिसे आतंकवाद से निपटने के लिए बनाया गया था। 1999 में आईसी-814 विमान अपहरण और 2001 में संसद भवन पर हुए आतंकी हमले के बाद सरकार को लगा कि आतंकवाद से लड़ने के लिए और सख्ती चाहिए। इस कानून के तहत पुलिस किसी संदिग्ध को 180 दिनों तक बिना चार्जशीट के हिरासत में रख सकती थी। आतंकी संगठनों से संबंध के शक में गिरफ्तारी हो सकती थी। अगर कोई आतंकवाद के लिए पैसे इकट्ठा कर रहा हो, तो उसे भी आतंकी गतिविधि माना जाता था। फोन टैपिंग, संपत्ति जब्त करने और गवाहों की पहचान छुपाने जैसे अधिकार भी इस कानून में थे।
इस कानून की मदद से कई बड़े आतंकी मामलों में कार्रवाई हुई। जांच एजेंसियों ने आतंकी संगठनों के नेटवर्क को तोड़ने में कामयाबी पाई। लेकिन जल्द ही पोटा का दुरुपयोग एक बड़ा मुद्दा बन गया। मानवाधिकार संगठनों और कुछ राजनीतिक दलों ने कहा कि इस कानून का गलत इस्तेमाल हो रहा है और निर्दोष लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। इन विवादों की वजह से 2004 में यूपीए सरकार ने सत्ता में आने के बाद पोटा कानून को रद्द कर दिया।
अमित शाह ने संसद में यह भी कहा कि 2019 के बाद उनकी सरकार ने कई आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाया और आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाए। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि अगर पोटा कानून रहता, तो आतंकवाद पर और ज्यादा लगाम लगाई जा सकती थी। इस बयान ने संसद में हंगामा मचा दिया, और विपक्ष ने शाह के आरोपों का जवाब देने की कोशिश की। यह मामला अब राजनीतिक बहस का बड़ा मुद्दा बन गया है।