बेंगलुरु का जीटी मॉल एक बड़ा और प्रसिद्ध शॉपिंग मॉल है। लेकिन हाल ही में यहां एक विवादित घटना हुई जिसने सबका ध्यान खींचा। ये घटना तब शुरू हुई जब मंगलवार, यानी 17 जुलाई 2024 को एक बुजुर्ग मॉल में प्रवेश करने आए। लेकिन मॉल के कर्मचारियों ने उन्हें अंदर आने से रोक दिया। और वजह ये बताई कि बुजुर्ग ने धोती कुर्ता पहना था इसलिए मॉल में एंट्री नहीं दी। अब इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि राज्य सरकार तक खबर जा पहुंची और खबर की जानकारी मिलते ही राज्य सरकार ने सख्ती भी दिखा दी।
देखते ही देखते ये मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लोगों ने इसपर जमकर नाराजगी जताई। ऐसे में अब कर्नाटक सरकार ने सख्त एक्शन लेते हुए मॉल में 7 दिन के लिए ताला लगा दिया।
क्या है मामला?
दरसल मंगलवार को बुजुर्ग ने बेटे ने जीटी मॉल में फिल्म देखने के लिए टिकट बुक किया था, और वो फिल्म देखने के लिए ही मॉल जा रहे थे, लेकिन बुजुर्ग को मॉल में एंट्री नहीं दी गई, तो बुजुर्ग ने इसका कारण पूछा। इसपर मॉल के कर्मचारियों ने कहा कि उन्होंने धोती पहनी है और मॉल के नियमों के अनुसार धोती पहनकर अंदर आने की अनुमति नहीं है। कर्मचारियों ने बुजुर्ग से कहा कि अगर वो पैंट पहनकर आएंगे, तभी उन्हें एंट्री मिलेगी। इस बात पर बुजुर्ग ने विरोध किया और कहा कि धोती हमारी पारंपरिक पोशाक है और वो हमेशा यही पहनते हैं। बावजूद इसके, मॉल के कर्मचारियों ने उनकी बात नहीं मानी और उन्हें मॉल में प्रवेश करने नहीं दिया।
वीडियो हुआ वायरल
बुजुर्ग किसान और उनके बेटे ने इस घटना का एक वीडियो बनाया और इसे सोशल मीडिया पर साझा कर दिया। वीडियो तेजी से वायरल हो गया और लोगों ने इसे लेकर काफी गुस्सा जाहिर किया।
राज्य सरकार का एक्शन
जब ये मामला राज्य सरकार के ध्यान में आया, तो उन्होंने तुरंत एक्शन लिया। अर्बन डेवलप्मेंट मिनिस्टर बिरथी सुरेश ने बताया कि उन्होंने मामले को लेकर बीबीएमपी के पूर्व कमीश्नर से बात की है और मॉल को 7 दिन के लिए बंद करने का आदेश दिया गया है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
इस पूरे मामले पर जीटी मॉल की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा साफ दिखाई दे रहा है। एक यूजर ने लिखा कि मॉल को अपनी गलती सुधारनी चाहिए और बुजुर्ग को एक साल के लिए फ्री फिल्म टिकट देना चाहिए। वहीं, अन्य यूजर्स ने मॉल के इस रवैये की निंदा की और कहा कि धोती पहनने में कोई बुराई नहीं है। कुछ ने तो मॉल के बहिष्कार की भी मांग की।
ये घटना एक बार फिर साबित करती है कि परंपराओं और पहनावे को लेकर हमारे समाज में कितनी गलतफहमियां हैं। हर व्यक्ति को अपनी पारंपरिक पोशाक पहनने का अधिकार होना चाहिए और इस तरह की घटनाएं एक गंभीर सोचने का विषय हैं। हमें उम्मीद है कि जीटी मॉल इस मामले से सीख लेगा और भविष्य में ऐसी कोई घटना नहीं होने देगा।
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