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Artificial Food Color: शरीर में जहर फैला रहे हैं आर्टिफिशियल फूड कलर, जानें कैसे बच सकते हैं

Artificial Food Color: शरीर में जहर फैला रहे हैं आर्टिफिशियल फूड कलर, जानें कैसे बच सकते हैं
त्योहारों का मौसम आ चुका है, और इस समय हर कोई अपने पसंदीदा व्यंजनों का लुत्फ उठाना चाहता है। बाजार में सजावट और खाने की वस्तुओं में एक चटकीला रंग देखने को मिलता है, जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। हालांकि, इन खाने की वस्तुओं में प्रयोग होने वाले आर्टिफिशियल फूड कलर (Artificial Food Color) आपकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। इस लेख में, हम जानेंगे कि आर्टिफिशियल फूड कलर होते क्या हैं, यह कैसे आपके शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं, और इनसे बचने के उपाय क्या हैं।

क्या है आर्टिफिशियल फूड कलर (Artificial Food Color)?

आर्टिफिशियल फूड कलर (Artificial Food Color) का प्रयोग खाने की वस्तुओं को अधिक आकर्षक और रंगीन बनाने के लिए किया जाता है। इन्हें केमिकल्स से तैयार किया जाता है, जो कई बार स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होते हैं। ये एक विशेष प्रकार के सिंथेटिक रंग होते हैं जिनका उपयोग खाद्य पदार्थों, पेय पदार्थों, और बेकरी प्रोडक्ट्स में होता है। हालांकि, इनके सेवन से शरीर पर विभिन्न तरह के नकारात्मक प्रभाव देखे गए हैं, जैसे कैंसर, एलर्जी और पाचन तंत्र से संबंधित समस्याएं। आर्टिफिशियल फूड कलर (Artificial Food Color) न केवल खाने के रंग को बढ़ाते हैं, बल्कि इनके माध्यम से खाना अधिक आकर्षक और ताज़ा दिखाई देता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन रंगों का लंबे समय तक सेवन आपके शरीर के लिए जहर का काम कर सकता है?

आर्टिफिशियल फूड कलर (Artificial Food Color) का कहां होता है उपयोग?

आर्टिफिशियल फूड कलर (Artificial Food Color) का उपयोग कई प्रकार के खाद्य पदार्थों में किया जाता है, जिनमें मिठाइयाँ, आइसक्रीम, चिप्स, पेस्ट्रीज़ और कई प्रकार के बेकरी प्रोडक्ट्स शामिल हैं। इसके अलावा, चॉकलेट बार, जेम्स, च्युइंग गम, फ्रॉस्टिंग, केक, और कपकेक जैसी वस्तुओं में भी इनका उपयोग धड़ल्ले से होता है। इन सभी खाद्य पदार्थों में विभिन्न प्रकार के रंगों का प्रयोग होता है, जैसे कि रेड 40, येलो 5, और ब्लू 1। कई बार यह रंग केवल दिखावे के लिए ही प्रयोग किए जाते हैं, ताकि खाना अधिक आकर्षक लगे और लोग इसे खरीदने के लिए प्रेरित हों। कर्नाटक सरकार ने हाल ही में चिकन कबाब, मछली, और शाकाहारी खाद्य पदार्थों में इन रंगों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया है, ताकि लोगों को इसके खतरों से बचाया जा सके।

आर्टिफिशियल फूड कलर (Artificial Food Color) के खतरनाक परिणाम

इन आर्टिफिशियल फूड कलर (Artificial Food Color) को बनाने में हानिकारक केमिकल्स और एडिटिव्स का उपयोग होता है, जो आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। इनमें कई कैंसरकारी तत्व होते हैं, जैसे रेड 40, येलो 5, और येलो 6। शोध के अनुसार, लंबे समय तक इन रंगों का सेवन करने से शरीर पर बुरा असर पड़ सकता है। येलो 5 से एलर्जी, पित्ती, एक्जिमा, और सूजन जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। ब्लू 1 और ब्लू 2 का सेवन पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का कारण बन सकता है। इनके लगातार सेवन से शरीर पर चकत्ते, एलर्जी, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिससे जीवन की गुणवत्ता पर नकारात्मक असर पड़ता है।

कैसे करें आर्टिफिशियल फूड कलर (Artificial Food Color) से बचाव?

इन रंगों से बचने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि आप बाहरी और पैकेज्ड फूड को ध्यान से देखें। बाहर खाने में रंगों का चटकीलापन देखकर यह पहचान सकते हैं कि उसमें आर्टिफिशियल फूड कलर (Artificial Food Color) का उपयोग हुआ है या नहीं। इसके अलावा, पैकेज्ड फूड पर पीछे की ओर दिए गए इंग्रेडिएंट्स में यह देख सकते हैं कि इसमें कौन-कौन से रंगों का प्रयोग हुआ है। कई बार इन रंगों के नाम भी दिए जाते हैं जैसे रेड 40, येलो 5 आदि, जो आपके लिए पहचान करना आसान बना सकते हैं। जब भी संभव हो, प्राकृतिक रंगों से बने खाद्य पदार्थों का ही सेवन करें, ताकि आप इस जहर से खुद को और अपने परिवार को बचा सकें।

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