महाराष्ट्र

Asaram’s publicity in Navi Mumbai: दिल्ली के बाद नवी मुंबई में भी लगे आसाराम बापू के पोस्टर, लोगों ने जताया कड़ा विरोध

Asaram's publicity in Navi Mumbai: दिल्ली के बाद नवी मुंबई में भी लगे आसाराम बापू के पोस्टर, लोगों ने जताया कड़ा विरोध

Asaram’s publicity in Navi Mumbai: दिल्ली मेट्रो में बलात्कार के दोषी आसाराम बापू के पोस्टर लगने के बाद अब महाराष्ट्र के नवी मुंबई में भी उनकी तस्वीरें सार्वजनिक जगहों पर दिखाई देने लगी हैं। वाशी और कोपरखैराने जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में बड़े-बड़े होर्डिंग्स पर आसाराम बापू का प्रचार किया गया, जिससे स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी देखने को मिली।

नवी मुंबई में सड़कों पर लगे पोस्टर, प्रशासन से की गई शिकायत

नवी मुंबई के निवासी सुमित शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर कुछ तस्वीरें साझा कीं, जिनमें दिखाया गया कि वाशी रेलवे स्टेशन, प्रमुख बस स्टॉप और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर आसाराम बापू के पोस्टर लगाए गए हैं।

सुमित शर्मा ने इन पोस्टरों को शर्मनाक बताया और नवी मुंबई नगर निगम (NMMC) प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग की। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि वाशी स्टेशन और कोपरखैराने के बाहर बलात्कारी के पोस्टर लगे हुए हैं, जो बेहद शर्मनाक है। उन्होंने नगर निगम से अनुरोध किया कि इन पोस्टरों को तुरंत हटाया जाए।

पोस्टरों में क्या लिखा था?

इन विज्ञापन पोस्टरों में माता-पिता पूजन दिवस को बढ़ावा दिया जा रहा था। हर साल 14 फरवरी को जहां पूरी दुनिया वैलेंटाइन डे मनाती है, वहीं आसाराम बापू के समर्थक इसे सच्चा प्रेम दिवस के रूप में प्रचारित करते हैं।

पोस्टर में लिखा गया था: “माता-पिता पूजन दिवस – सच्चा प्रेम दिवस”

यह विज्ञापन संत श्री आसाराम बापू आश्रम, अहमदाबाद द्वारा जारी किए गए थे।

दिल्ली में भी हुआ था भारी विरोध

इससे पहले दिल्ली मेट्रो के अंदर भी इसी तरह के पोस्टर लगाए गए थे, जिसके बाद सोशल मीडिया पर जमकर विरोध हुआ। कई नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) से इन पोस्टरों को हटाने की मांग की थी।

लगातार बढ़ते विरोध के बाद DMRC ने बयान जारी कर कहा कि वे जल्द ही इन सभी पोस्टरों को हटा देंगे।

कौन है आसाराम बापू और क्यों हो रहा है विरोध?

आसाराम बापू एक स्वयंभू धर्मगुरु हैं, जिन्हें 2013 में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया गया था।

  • राजस्थान के जोधपुर में उनके आश्रम में एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार की घटना हुई थी।
  • गांधीनगर सेशंस कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी और ₹50,000 का जुर्माना भी लगाया था।
  • दिसंबर 2024 में 17 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आए थे, लेकिन जनवरी की शुरुआत में फिर से जेल भेज दिए गए।
  • फरवरी 2025 में उन्हें मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत दी गई, जो 31 मार्च 2025 तक जारी रहेगी।

लोगों में आक्रोश – एक अपराधी का प्रचार क्यों किया जा रहा है?

नागरिकों का सवाल यह है कि जिस व्यक्ति को अदालत ने बलात्कार का दोषी करार दिया और जो उम्रकैद की सजा काट रहा है, उसके पोस्टर सरकारी बस स्टॉप और रेलवे स्टेशन पर कैसे लगाए जा सकते हैं?

सोशल मीडिया पर लोगों ने यह भी सवाल उठाए कि प्रशासनिक अनुमति के बिना इस तरह के विज्ञापन कैसे लगाए जा रहे हैं।

क्या प्रशासन कोई कार्रवाई करेगा?

नवी मुंबई नगर निगम (NMMC) को अब इस मामले की जांच करनी होगी कि कैसे एक बलात्कारी के प्रचार पोस्टर शहर में लगाए गए।

कई लोगों का मानना है कि अगर इस मामले में सख्ती नहीं दिखाई गई, तो भविष्य में और भी अपराधियों का प्रचार सार्वजनिक जगहों पर किया जा सकता है।

Asaram’s publicity in Navi Mumbai: क्या दोषियों का महिमामंडन बर्दाश्त किया जाएगा?

यह बेहद चिंताजनक है कि एक बलात्कारी का महिमामंडन इस तरह खुलेआम किया जा रहा है। दिल्ली से लेकर नवी मुंबई तक, लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या ऐसे अपराधियों को सार्वजनिक जगहों पर महिमामंडित किया जाना चाहिए।

अब देखना यह होगा कि क्या नवी मुंबई प्रशासन इन पोस्टरों को हटाकर जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करेगा या फिर यह मामला यूं ही दब जाएगा।


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