महाराष्ट्र की आर्थिक राजधानी मुंबई से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। इस वारदात ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। मुंबई के मलाड मालवणी इलाके में एक ऑटो रिक्शा चालक ने अपने पड़ोस में रहने वाली 10 साल की मासूम बच्ची के साथ रेप की घिनौनी हरकत को अंजाम दिया है। इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आइए जानते हैं इस घटना की पूरी जानकारी।
क्या है पूरा मामला?
मुंबई पुलिस के अनुसार, ये शर्मनाक घटना मलाड के मालवणी इलाके में हुई। आरोपी, जो पेशे से ऑटो रिक्शा चालक है, उसी इलाके में रहता था जहां पीड़ित बच्ची अपने परिवार के साथ रहती थी। आरोपी ने बच्ची को किसी बहाने से अपने घर बुलाया और उसके साथ अश्लील हरकतें शुरू कीं। इतना ही नहीं, उसने कई बार बच्ची का यौन उत्पीड़न किया। इस घिनौने कृत्य के बाद आरोपी ने बच्ची को धमकी दी कि अगर उसने किसी को कुछ बताया, तो वह उसे जान से मार देगा।
बच्ची ने मां से की शिकायत
डर और खौफ के साये में जी रही मासूम बच्ची ने शुरू में इस घटना के बारे में किसी को कुछ नहीं बताया। लेकिन, कुछ समय बाद उसने हिम्मत जुटाई और अपनी मां को आपबीती सुनाई। मां के लिए यह सुनना किसी सदमे से कम नहीं था। मां ने बिना देरी किए मालवणी पुलिस स्टेशन पहुंचकर आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई
मां की शिकायत के आधार पर मालवणी पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया। पुलिस ने यौन उत्पीड़न से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धाराओं और POCSO (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेंसेस) एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। इसके बाद आरोपी ऑटो रिक्शा चालक को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने उसे डिंडोशी कोर्ट में पेश किया, जहां सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपी को 12 अप्रैल तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया।
समाज के लिए एक चेतावनी
यह घटना न केवल मासूमियत पर एक क्रूर हमला है, बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर चेतावनी है। बच्चों की सुरक्षा आज के समय में एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। माता-पिता को अपने बच्चों के साथ खुलकर बातचीत करने और उनकी हर गतिविधि पर नजर रखने की जरूरत है। साथ ही, समाज को भी ऐसे अपराधियों के खिलाफ एकजुट होकर सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
मुंबई के मालवणी में हुई इस घटना ने एक बार फिर बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस ने भले ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया हो, लेकिन यह समाज के लिए सोचने का समय है कि आखिर ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जाए। हमें अपने बच्चों को सुरक्षित माहौल देने के लिए मिलकर प्रयास करना होगा।
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