अयोध्या: शनिवार रात को भारी बारिश के कारण राम जन्मभूमि मंदिर की छत से पानी टपकने लगा। इस घटना ने मंदिर निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि मंदिर के गर्भगृह की छत से पानी टपक रहा था, जिससे वीआईपी दर्शन और पुजारी की बैठने की जगह पर पानी गिरने लगा।
पानी की निकासी की कमी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि बारिश के बाद मंदिर परिसर से पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने मंदिर प्रशासन से इस समस्या का समाधान करने की अपील की। घटना की जानकारी मिलते ही मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने छत की मरम्मत कर उसे वाटरप्रूफ बनाने के निर्देश दिए।
VIDEO | “It is very surprising. So many engineers are here and the Pran Pratishtha was held on January 22, but water is leaking from the roof. Nobody would’ve thought this,” says Ram Temple chief priest Acharya Satyendra Das.
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— Press Trust of India (@PTI_News) June 24, 2024
स्थानीय समस्याएं भारी बारिश के कारण रामपथ रोड और आसपास की गलियों में जलभराव हो गया। कई घरों में सीवर का पानी घुस गया और नई बनी सड़कों पर जगह-जगह धंसाव हो गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि जलवानपुरा से हनुमानगढ़ी भक्तिपथ और टेढ़ी बाजार में भी जलभराव हो गया।
प्रशासन की प्रतिक्रिया अयोध्या के मेयर गिरीश पति त्रिपाठी ने कहा कि उन्होंने सुबह से ही नुकसान को कम करने के लिए नगर पालिका की कई टीमें लगाई हैं जो घरों से पानी निकाल रही हैं। हालांकि, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिशें सफल नहीं हुईं।
कांग्रेस के आरोप कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर मंदिर निर्माण और अयोध्या में विकास कार्यों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि करोड़ों की लागत से बने राम मंदिर के गर्भगृह में पहली बारिश से ही पानी टपकने लगा और जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने भाजपा पर जल्दबाजी में घटिया निर्माण कराने का आरोप लगाया और कहा कि रामपथ पर कई जगह सड़कों के टूटने से भाजपा का मुखौटा उतर गया है। राय ने आरोप लगाया कि भाजपा ने अयोध्या को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया है और स्थानीय लोगों को उचित मुआवजा नहीं दिया।
इस प्रकार, राम मंदिर और अयोध्या में नागरिक सुविधाओं की स्थिति को लेकर सवाल उठ रहे हैं, जिससे स्थानीय लोग और नेता चिंतित हैं।
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