Baba Siddhiqi: महाराष्ट्र में राजनीतिक उलटफेर का दौर जारी है। दो दिन पहले ही कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने वाले वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी ने अजित पवार की एनसीपी ज्वाइन कर ली है।
बांद्रा में आयोजित एक कार्यक्रम में बाबा सिद्दीकी (Baba Siddhiqi) ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे की मौजूदगी में एनसीपी की सदस्यता ली। इस मौके पर बाबा ने कहा कि मैं खुली किताब हूं, मैं खानदानी आदमी हूं। मैं किसी की बुराई नहीं करना चाहता। हमारे यहां परसेप्शन की राजनीति हो रही है, इसलिए कांग्रेस छोड़नी पड़ी।
बाबा सिद्दीकी का राजनीतिक सफर:
बाबा सिद्दीकी (Baba Siddhiqi) मूल रूप से बिहार से हैं और उन्होंने मुंबई में चुनावी राजनीति की शुरुआत 1990 में की थी।
वे 1992 में पहली बार पार्षद बने और 1997 में फिर से पार्षद का चुनाव जीते।
1999 में बाबा सिद्दीकी पहली बार विधायक बने और उसके बाद 2004 और 2009 में भी विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने।
2004 से लेकर 2008 तक बाबा सिद्दीकी महाराष्ट्र के मंत्री भी रहे थे।
बाबा सिद्दीकी पिछले चार दशक से ज्यादा समय तक कांग्रेस से जुड़े रहे।
बाबा सिद्दीकी के एनसीपी में शामिल होने के कारण:
बाबा सिद्दीकी (Baba Siddhiqi) ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला इसलिए लिया क्योंकि पार्टी में परसेप्शन की राजनीति हो रही है।
उन्होंने कहा कि वो खुली किताब हैं और किसी की बुराई नहीं करना चाहते।
बाबा सिद्दीकी (Baba Siddhiqi) का एनसीपी में शामिल होना महाराष्ट्र कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
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