Baba Siddique Murder: मुंबई, भारत की आर्थिक राजधानी, हमेशा अपनी चकाचौंध और व्यस्तता के लिए जानी जाती है, लेकिन पिछले कुछ समय से यह शहर एक बड़े हत्याकांड (murder case) के कारण सुर्खियों में है। एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी (NCP leader Baba Siddique), जिनका नाम महाराष्ट्र की सियासत में एक जाना-पहचाना चेहरा था, की 12 अक्टूबर 2024 की रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड ने न केवल राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी, बल्कि आम लोगों के बीच भी कई सवाल खड़े कर दिए। अब, इस मामले में एक नया और चौंकाने वाला मोड़ आया है। हत्या का मास्टरमाइंड, जीशान अख्तर उर्फ जस्सी पुरेवाल, को कनाडा की सरी पुलिस ने हिरासत में लिया है। यह खबर मुंबई पुलिस के लिए एक बड़ी कामयाबी है, जो इस मामले की तह तक जाने के लिए दिन-रात जुटी हुई है।
यह घटना उस रात की है, जब बाबा सिद्दीकी अपने बेटे, विधायक जीशान सिद्दीकी के बांद्रा ईस्ट (Bandra East) स्थित कार्यालय से बाहर निकल रहे थे। रात करीब 9:30 बजे, जब विजयादशमी का उत्सव चल रहा था और आसपास पटाखों की आवाज गूंज रही थी, तीन हमलावरों ने अचानक उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। छह राउंड फायरिंग में तीन गोलियां बाबा सिद्दीकी को लगीं, जिसमें एक उनके सीने में थी। गंभीर हालत में उन्हें लीलावती अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी जान नहीं बच सकी। इस हत्याकांड की जिम्मेदारी कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग (Lawrence Bishnoi gang) ने ली, जिसने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए दावा किया कि यह हत्या सलमान खान और कथित अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से बाबा सिद्दीकी के कथित संबंधों के कारण की गई।
मुंबई पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई शुरू की। अब तक 26 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें गुरमेल सिंह (Gurmel Singh) और सुमित दिनकर (Sumit Dinkar) जैसे नाम शामिल हैं। चार्जशीट के अनुसार, हत्या की साजिश तीन महीने पहले से रची जा रही थी। शूटरों ने करजत-खोपोली रोड के पास एक जंगल में निशानेबाजी का अभ्यास किया था और कई बार बिना हथियारों के बाबा सिद्दीकी के घर की रेकी भी की थी। पुलिस ने तीन पिस्तौलें बरामद कीं, जिनमें एक ऑस्ट्रेलियाई ग्लॉक, एक तुर्की पिस्तौल और एक देसी पिस्तौल शामिल थीं। जांच में यह भी सामने आया कि हत्याकांड में शामिल शूटरों ने स्नैपचैट के जरिए मास्टरमाइंड अनमोल बिश्नोई (Anmol Bishnoi) से बात की थी, जो कथित तौर पर अमेरिका या कनाडा में छिपा हुआ है।
जीशान अख्तर, जो इस हत्याकांड का मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा है, पंजाब के जालंधर का रहने वाला है। मुंबई पुलिस के सूत्रों के अनुसार, वह हत्या के बाद देश से फरार हो गया था और कथित तौर पर पाकिस्तानी डॉन शहजाद भट्टी की मदद से कनाडा पहुंचा। सरी पुलिस ने उसे 6 जून 2025 को हिरासत में लिया। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उसकी गिरफ्तारी किस मामले में हुई, लेकिन मुंबई पुलिस अब उसे भारत लाने की प्रक्रिया शुरू कर रही है। इस बीच, एक अन्य वांछित आरोपी, शुभम लोनकर, ने हत्याकांड में शामिल एक शूटर, शिव कुमार गौतम, को गुमराह किया था। शिव कुमार ने पुलिस को बताया कि उसे बताया गया था कि बाबा सिद्दीकी का दाऊद इब्राहिम से संबंध है, लेकिन जब पुलिस ने यह स्पष्ट किया कि ऐसा कोई सबूत नहीं मिला, तो वह हैरान रह गया।
बाबा सिद्दीकी का जीवन भी इस कहानी का एक अहम हिस्सा है। 1958 में पटना में जन्मे बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी ने 1977 में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। वे बांद्रा पश्चिम से तीन बार विधायक रहे और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दीं। पिछले साल, लोकसभा चुनाव से पहले, वे कांग्रेस छोड़कर अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी में शामिल हुए थे। उनकी हत्या ने महाराष्ट्र की सियासत में एक बड़ा खालीपन छोड़ दिया। 13 अक्टूबर 2024 की रात, उन्हें राजकीय सम्मान के साथ मुंबई के मरीन लाइंस कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस दौरान उनके परिवार के साथ-साथ डिप्टी सीएम अजित पवार, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले और अन्य नेता मौजूद थे।
इस हत्याकांड ने कई सवाल खड़े किए हैं। पुलिस कई दिशाओं में जांच कर रही है, जिसमें कॉन्ट्रैक्ट किलिंग, बिजनेस रंजिश और स्लम पुनर्वास परियोजना से जुड़ी धमकियों की संभावना शामिल है। एक आरोपी, राम कनौजिया, ने बताया कि उसने हत्या के लिए एक करोड़ रुपये की मांग की थी। इसके अलावा, यह भी खुलासा हुआ कि सलमान खान के घर पर अप्रैल 2024 में हुई गोलीबारी से भी इस मामले का कनेक्शन हो सकता है। लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने सलमान खान को भी धमकियां दी थीं, और बाबा सिद्दीकी के साथ उनके करीबी रिश्तों को हत्या का एक कारण बताया गया।
मुंबई पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई की है। अब तक 15 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं, और फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए कई टीमें बनाई गई हैं। एक पुलिस कॉन्स्टेबल, श्याम सोनावणे, को सुरक्षा में लापरवाही बरतने के लिए निलंबित कर दिया गया है। उसने दावा किया था कि पटाखों के शोर के कारण उसे हमलावर दिखाई नहीं दिए। इस हत्याकांड ने न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, बल्कि महाराष्ट्र में चल रहे विधानसभा चुनाव के माहौल को भी गर्म कर दिया है।