Baba Siddiqui murder case: मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस ने हाल ही में पांच और लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनसे पूछताछ में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं।
मुंबई की सड़कों पर एक बड़ा राजनीतिक हत्याकांड हुआ, जिसने पूरे महाराष्ट्र को हिला कर रख दिया। एनसीपी के दिग्गज नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड (Baba Siddiqui murder case) ने कई सवाल खड़े कर दिए। अब जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, नए-नए राज खुल रहे हैं।
मुंबई क्राइम ब्रांच ने इस मामले में अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। शुक्रवार को पांच और आरोपियों को पकड़ा गया। ये लोग अम्बरनाथ, डोम्बिवली और पनवेल के रहने वाले हैं। इनमें से एक आरोपी का नाम राम कनौजिया है, जिसने पुलिस को बताया कि वह बाबा सिद्दीकी की हत्या की सुपारी लेना नहीं चाहता था।
हत्या की योजना कैसे बनी?
राम कनौजिया ने पुलिस को बताया कि शुरू में उसे और उसके एक साथी नितिन सापरे को बाबा सिद्दीकी को मारने के लिए कहा गया था। लेकिन राम को लगा कि यह काम बहुत खतरनाक है। उसे पता था कि बाबा सिद्दीकी एक बड़े नेता हैं और उनकी हत्या के बाद बवाल मच सकता है।
राम ने सोचा कि अगर वह ज्यादा पैसे मांगेगा, तो शायद उसे यह काम नहीं दिया जाएगा। इसलिए उसने एक करोड़ रुपये की मांग कर दी। जैसा कि उसने सोचा था, योजना बनाने वाले शुभम लोनकर ने कहा कि यह रकम बहुत ज्यादा है।
यूपी के गुंडों को क्यों चुना गया?
जब राम और नितिन ने मना कर दिया, तो शुभम ने अपना प्लान बदल दिया। उसने सोचा कि उत्तर प्रदेश के लोगों को बाबा सिद्दीकी के बारे में ज्यादा पता नहीं होगा। वे नहीं जानते होंगे कि महाराष्ट्र में बाबा सिद्दीकी कितने बड़े नेता हैं। इसलिए वे कम पैसों में भी यह काम करने को तैयार हो जाएंगे।
फिर शुभम ने उत्तर प्रदेश के तीन लोगों से संपर्क किया – धर्मराज कश्यप, गुरनैल सिंह और शिवकुमार गौतम। इन्हें बाबा सिद्दीकी की हत्या करने के लिए तैयार कर लिया गया।
बाबा सिद्दीकी हत्या के नए खुलासे (New revelations in Baba Siddiqui murder) से पता चलता है कि यह एक सोची-समझी साजिश थी। अपराधियों ने बड़ी चालाकी से काम किया। उन्होंने ऐसे लोगों को चुना जो महाराष्ट्र की राजनीति से अनजान थे। इससे उन्हें लगा कि वे आसानी से बच निकलेंगे।
पुलिस की कड़ी मेहनत
मुंबई क्राइम ब्रांच ने इस केस में बहुत मेहनत की है। उन्होंने एक-एक कर सभी आरोपियों को पकड़ा। पहले उत्तर प्रदेश के तीन लोग पकड़े गए, जिन्होंने हत्या की थी। फिर धीरे-धीरे पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हुआ।
अब जांच में यह पता लगाना बाकी है कि आखिर किसने और क्यों बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश रची। क्या यह सिर्फ एक अपराधिक वारदात थी या इसके पीछे कोई बड़ी राजनीतिक साजिश थी? इन सवालों के जवाब अभी बाकी हैं।
इस पूरे मामले ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है। लोग जानना चाहते हैं कि आखिर किसने इतने बड़े नेता की हत्या करवाई। पुलिस अब इस दिशा में जांच कर रही है। उम्मीद है कि जल्द ही सच्चाई सामने आ जाएगी और दोषियों को सजा मिलेगी।
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड (Baba Siddiqui murder case) ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अपराध की दुनिया कितनी खतरनाक हो सकती है। यह घटना बताती है कि हमें अपने नेताओं की सुरक्षा पर और ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। साथ ही, कानून व्यवस्था को और मजबूत बनाना होगा ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
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