शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की जयंती के अवसर पर उद्धव ठाकरे गुट ने केंद्र सरकार से बड़ा अनुरोध किया है। उद्धव गुट के प्रमुख सांसद संजय राउत ने बालासाहेब ठाकरे को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की। राउत का कहना है कि बालासाहेब इस सम्मान के पूरी तरह से हकदार हैं। साथ ही उन्होंने एक बार फिर उद्धव गुट को असली शिवसेना बताया।
संजय राउत ने कहा कि भाजपा ने शिवसेना को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन उन्हें “चाइना माल” ही हाथ लगा। राउत के मुताबिक, असली शिवसेना अभी भी उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में मजबूती से काम कर रही है।
बालासाहेब ठाकरे के सिद्धांतों पर जोर
संजय राउत ने बालासाहेब ठाकरे के सिद्धांतों और उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी अपने वसूलों से समझौता नहीं किया। राउत ने कहा, “बालासाहेब ने हमेशा देशहित में फैसले लिए, चाहे वो इंदिरा गांधी को समर्थन देने का मुद्दा हो या भाजपा के साथ गठबंधन का।” उन्होंने ये भी कहा कि बालासाहेब ठाकरे ने हिंदू और मराठा समाज के लिए अतुलनीय कार्य किए हैं। राउत ने भारत रत्न सम्मान को लेकर सवाल उठाते हुए कहा, “ये सम्मान कई बार ऐसे लोगों को दिया गया है जिन्हें कोई जानता तक नहीं, जबकि बालासाहेब ठाकरे जैसे महान नेता इसके वास्तविक अधिकारी हैं।”
पीएम मोदी और मुख्यमंत्री फडणवीस ने दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बालासाहेब ठाकरे की जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “मैं बालासाहेब ठाकरे जी को उनके जन्मदिन पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उन्हें जन कल्याण और महाराष्ट्र के विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए व्यापक रूप से सम्मान दिया जाता है और याद किया जाता है। उन्होंने अपनी मूल मान्यताओं से कभी समझौता नहीं किया और भारतीय संस्कृति के गौरव को बढ़ाने में अपना अमूल्य योगदान दिया।”
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी बालासाहेब ठाकरे को याद किया। फडणवीस ने ठाकरे की जयंती पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें उनके द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख किया गया।
शिवसेना के दोनों गुटों की रैली
बालासाहेब ठाकरे की जयंती के मौके पर शिवसेना के दोनों गुटों ने मुंबई में अलग-अलग रैलियों का आयोजन किया। इन रैलियों के माध्यम से दोनों गुटों ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया।
बालासाहेब ठाकरे की जयंती पर उनकी विरासत और योगदान को हर कोई याद कर रहा है। उनकी विचारधारा और सिद्धांत आज भी महाराष्ट्र और देशभर के लोगों को प्रेरित करते हैं। भारत रत्न के लिए उनकी दावेदारी पर बहस जारी है, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं कि उन्होंने भारतीय राजनीति और समाज पर गहरी छाप छोड़ी है।