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Ballard Pier Counterfeit Toner Cartridges Seized: मुंबई पुलिस ने बल्लार्ड पियर में 25 लाख रुपये के नकली HP, Canon, Samsung टोनर कार्ट्रिज जब्त किए

Ballard Pier Counterfeit Toner Cartridges Seized: मुंबई पुलिस ने बल्लार्ड पियर में 25 लाख रुपये के नकली HP, Canon, Samsung टोनर कार्ट्रिज जब्त किए

Ballard Pier Counterfeit Toner Cartridges Seized: मुंबई की व्यस्त सड़कों और चमकते बाजारों के बीच, एक ऐसी दुनिया छिपी है जहां नकली सामान असली की तरह बिकते हैं। हाल ही में, मुंबई पुलिस ने एक बड़े ऑपरेशन में नकली टोनर कार्ट्रिज (counterfeit toner cartridges) का भंडाफोड़ किया है। 20 जून 2025 की देर रात, बल्लार्ड पियर के एक गोदाम में छापेमारी कर पुलिस ने 25 लाख रुपये से ज्यादा कीमत के नकली HP, Canon, और Samsung टोनर और इंक कार्ट्रिज जब्त किए। यह कार्रवाई EIPR (India) Pvt Ltd के सहयोग से हुई, जिसने इस गोरखधंधे की शिकायत दर्ज की थी। इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, और जांच अभी भी जारी है।

यह सब तब शुरू हुआ जब EIPR (India) Pvt Ltd के निदेशक गुलफराज अब्दुल करीम मकरानी ने MRA मार्ग पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की। गुलफराज पिछले 17 सालों से कंपनी के साथ जुड़े हैं और उन्हें पता चला कि बल्लार्ड पियर के शिपिंग हाउस बिल्डिंग की पहली मंजिल पर एक ऑफिस में नकली टोनर कार्ट्रिज (counterfeit toner cartridges) और अन्य सामान जमा किए जा रहे हैं। इनमें नकली रिफिल टोनर, पैक किए गए टोनर, MRP स्टिकर, टोनर स्टिकर, होलोग्राम, और अन्य कच्चा माल शामिल था, जो HP, Canon, और Samsung जैसे बड़े ब्रांड्स के असली उत्पादों की नकल कर रहे थे। इस शिकायत के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और देर रात 11:55 बजे छापेमारी की।

गोदाम में पुलिस को 33 साल का जयसुख हरि रावडिया मिला, जिसने स्वीकार किया कि वह इस जगह का मालिक है और पिछले एक साल से नकली सामान बेच रहा था। जब पुलिस ने उससे लाइसेंस या खरीद के दस्तावेज मांगे, तो वह कोई कागजात दिखाने में नाकाम रहा। EIPR के अधिकारियों ने मौके पर सामान की जांच की और पाया कि ये उत्पाद नकली हैं और इनकी गुणवत्ता असली ब्रांड्स के मानकों से बहुत नीचे है। कुल 25,09,199 रुपये कीमत का सामान जब्त किया गया, जिसमें नकली टोनर और इंक कार्ट्रिज शामिल थे। रावडिया को हिरासत में ले लिया गया है, और पुलिस अब इस नकली सामान के सप्लाई नेटवर्क की जांच कर रही है।

यह कोई पहला मामला नहीं है जब मुंबई में नकली सामान पकड़े गए हों। इससे पहले भी HP, Canon, और Samsung जैसे ब्रांड्स के नकली टोनर और इंक कार्ट्रिज जब्त किए जा चुके हैं। ये नकली उत्पाद बाहर से देखने में असली जैसे लगते हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल करने से प्रिंटर खराब हो सकता है, प्रिंट की गुणवत्ता घटिया हो सकती है, और कई बार तो ये कार्ट्रिज बिल्कुल काम ही नहीं करते। ऐसे नकली सामान से न केवल ग्राहकों का पैसा बर्बाद होता है, बल्कि बड़े ब्रांड्स की साख को भी नुकसान पहुंचता है। मुंबई पुलिस और EIPR की इस कार्रवाई ने एक बार फिर दिखाया कि नकली सामान के खिलाफ सख्ती कितनी जरूरी है।

बल्लार्ड पियर जैसे इलाके, जो मुंबई के व्यापारिक केंद्रों में से एक है, अक्सर ऐसे गोरखधंधों का अड्डा बन जाते हैं। यहां छोटे-छोटे गोदामों और ऑफिसों में नकली सामान बनाए और बेचे जाते हैं। ये सामान न केवल स्थानीय दुकानों में बिकते हैं, बल्कि ऑनलाइन मार्केटप्लेस और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी बेचे जाते हैं। अनजान ग्राहक, जो सस्ते दामों पर ललचाते हैं, इन नकली उत्पादों को खरीद लेते हैं और बाद में ठगा हुआ महसूस करते हैं। इस मामले में पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ये नकली टोनर कार्ट्रिज (counterfeit toner cartridges) कहां से आ रहे थे और इन्हें कौन-कौन बेच रहा था।

मुंबई में नकली सामान का बाजार कोई नई बात नहीं है। पिछले कुछ सालों में HP और Canon जैसे ब्रांड्स ने अपनी एंटी-काउंटरफीटिंग टीम्स के साथ मिलकर कई छापेमारी की हैं। उदाहरण के लिए, 2023 में मुंबई में 1 लाख से ज्यादा नकली टोनर और इंक कार्ट्रिज जब्त किए गए थे, जिनकी कीमत लगभग 30 करोड़ रुपये थी। ये कार्रवाइयां दिखाती हैं कि नकली सामान का बाजार कितना बड़ा और संगठित है। HP अपनी ओर से ग्राहकों को असली उत्पादों की पहचान करने के लिए जागरूकता अभियान भी चला रहा है। कंपनी ने अपने कार्ट्रिज की पैकिंग पर खास सिक्योरिटी सील लगाए हैं, जिनमें रंग बदलने वाली तकनीक का इस्तेमाल होता है।

इस छापेमारी से यह भी साफ होता है कि नकली सामान का कारोबार केवल पैसे का नुकसान ही नहीं करता, बल्कि यह पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है। असली HP, Canon, और Samsung कार्ट्रिज को रिसाइकिल करने की सुविधा होती है, लेकिन नकली कार्ट्रिज अक्सर बिना रिसाइकिल किए कचरे में फेंक दिए जाते हैं। इससे प्लास्टिक और रासायनिक प्रदूषण बढ़ता है। मुंबई जैसे शहर में, जहां पहले ही प्रदूषण एक बड़ी समस्या है, ऐसे गोरखधंधे और भी खतरनाक हो जाते हैं।

जयसुख रावडिया की गिरफ्तारी इस नेटवर्क का केवल एक हिस्सा उजागर करती है। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि क्या इस कारोबार में और लोग शामिल थे और ये नकली सामान कहां-कहां भेजे जा रहे थे। EIPR (India) Pvt Ltd जैसे संगठन इस तरह की कार्रवाइयों में अहम भूमिका निभाते हैं, क्योंकि वे ब्रांड्स के साथ मिलकर नकली सामान की पहचान करते हैं और पुलिस को सूचित करते हैं। इस छापेमारी ने एक बार फिर दिखाया कि नकली सामान के खिलाफ जंग में सरकार, पुलिस, और निजी कंपनियों को मिलकर काम करना होगा।

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