बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के जाने के बाद हिंदुओं पर हमले बढ़ गए हैं। इससे डरे हुए हजारों बांग्लादेशी हिंदू भारत आने की कोशिश कर रहे हैं। BSF ने सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है। यह बांग्लादेशी हिंदू संकट भारत के लिए एक नई चुनौती बन गया है।
बांग्लादेशी हिंदू संकट: भारत के लिए नई चुनौती
बांग्लादेश में एक नया तूफान आया है। वहां के हिंदुओं पर हमले बढ़ गए हैं। इससे भारत के सामने एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है। शेख हसीना की सरकार जाने के बाद से हालात बिगड़ गए हैं। अब बांग्लादेशी हिंदू अपने देश में डरे हुए हैं और भारत आने की कोशिश कर रहे हैं।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर जुल्म बढ़ रहा है। मंदिरों में तोड़फोड़ हो रही है। कई जगह आग लगाई जा रही है। हिंदुओं पर जानलेवा हमले हो रहे हैं। वे अब अपने घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं। इस डर के चलते कई हिंदू भारत की सीमा की तरफ भाग रहे हैं।
बांग्लादेश में हिंदुओं की संख्या कम होती जा रही है। 1951 में वहां 22% हिंदू थे। 1991 में यह गिरकर 15% हो गई। 2011 में तो यह और कम होकर 8.5% रह गई। वहीं मुसलमानों की आबादी बढ़ रही है। 1951 में 76% मुसलमान थे, जो अब 91% हो गए हैं। फिर भी, हिंदू अब भी वहां सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय हैं।
हाल ही में, पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले में कुछ अजीब हुआ। करीब 1000 डरे हुए बांग्लादेशी लोग भारत में घुसने की कोशिश कर रहे थे। वे घंटों तक पानी में खड़े रहे। लेकिन भारत की सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने उन्हें रोक दिया। बाद में, बांग्लादेश की बॉर्डर गार्ड्स (BGB) ने उन्हें वहां से हटा दिया।
इस बांग्लादेशी हिंदू संकट से BSF के सामने नई चुनौती आ गई है। अब उन्हें बांग्लादेश और पाकिस्तान, दोनों सीमाओं पर नजर रखनी होगी। BSF ने सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है। वे गाड़ियों और लोगों पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।
जो बांग्लादेशी लोग भारत में घुसने की कोशिश कर रहे थे, वे बांग्लादेश के लालमोनिरहाट जिले के गेंडुगुरी और दोइखवा गांवों के थे। BSF के एक बड़े अफसर ने बताया कि बहुत सारे बांग्लादेशी सीमा पर इकट्ठा हुए थे, लेकिन वे भारत में नहीं आ पाए।
यह बांग्लादेशी हिंदू संकट भारत के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। सरकार को इस मुद्दे पर ध्यान देना होगा। बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कूटनीतिक प्रयास करने होंगे। साथ ही, भारत को अपनी सीमा की सुरक्षा भी मजबूत करनी होगी।
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