Bangladeshi Intrusion, Action in Maharashtra: महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने हाल ही में एक खास अभियान चलाकर 16 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया, जो अवैध रूप से भारत में रह रहे थे। इनमें छह महिलाएं भी शामिल थीं। इस कार्रवाई ने फर्जी दस्तावेजों और अवैध गतिविधियों के जरिए देश में रहने वाले घुसपैठियों के मामलों को फिर से चर्चा में ला दिया है।
फर्जी पहचान का सहारा
गिरफ्तार किए गए इन बांग्लादेशी नागरिकों ने अवैध रूप से आधार कार्ड और अन्य भारतीय पहचान पत्र बनवा लिए थे, जो उन्हें भारतीय नागरिक के तौर पर पेश करते थे। अधिकारी बताते हैं कि ये लोग पिछले दो वर्षों से भारत में रह रहे थे और स्थानीय क्रशर मशीनों पर काम कर रहे थे। इस मामले ने “बांग्लादेशी घुसपैठ” और “फर्जी दस्तावेजों का खुलासा” जैसे गंभीर मुद्दों को उजागर कर दिया है, जिससे प्रशासन सतर्क हो गया है।
पहचान छिपाने के तरीके
इन लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के अलावा अपनी असली पहचान छिपाने के लिए स्थानीय नामों और पते का इस्तेमाल किया। जांच से पता चला कि आरोपी नवी मुंबई, ठाणे, और सोलापुर जैसे विभिन्न शहरों में रह रहे थे। शुक्रवार रात को, जालना जिले के भोकरदन तालुका में तीन बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया।
संगठित अभियान और बड़ी सफलता
एटीएस और स्थानीय पुलिस के संयुक्त अभियान में यह सफलता हासिल हुई। ठाणे और सोलापुर जैसे इलाकों में छापेमारी की गई, जहां इन घुसपैठियों को फर्जी दस्तावेजों के साथ पाया गया। उनकी गतिविधियों से न केवल कानून का उल्लंघन हुआ, बल्कि देश की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हुए।
फर्जी दस्तावेज बनाने वाला गिरोह सक्रिय
इस जांच के दौरान, पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि फर्जी दस्तावेज बनाने के पीछे एक संगठित गिरोह काम कर रहा है। आरोपी इसी गिरोह की मदद से फर्जी पहचान पत्र बनवा रहे थे। अब अधिकारियों की जांच का फोकस इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों और इससे जुड़े और लोगों पर है।
कोलकाता में भी घुसपैठियों पर कार्रवाई
महाराष्ट्र के अलावा, कोलकाता पुलिस ने भी कार्रवाई करते हुए पार्क स्ट्रीट इलाके में रह रहे एक बांग्लादेशी नागरिक को फर्जी पते और दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी इस बात का संकेत है कि यह समस्या केवल एक राज्य तक सीमित नहीं है, बल्कि देशभर में फैली हुई है।
Bangladeshi Intrusion: सख्त कानूनों की जरूरत
यह घटनाक्रम इस बात पर जोर देता है कि अवैध प्रवासियों और फर्जी दस्तावेजों के मामलों पर कड़ा कानून लागू करने की आवश्यकता है। इससे न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि ऐसी अवैध गतिविधियों पर भी रोक लग सकेगी।
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