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कर्नाटक हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: प्रज्वल रेवन्ना रेप मामले में दोषी करार, कोर्ट में फूट-फूटकर रोए पूर्व सांसद

प्रज्वल रेवन्ना
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कर्नाटक में एक सनसनीखेज और दिल दहला देने वाले मामले में हाईकोर्ट ने जनता दल (एस) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को करारा झटका दिया है। रेप और यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों में कोर्ट ने प्रज्वल को दोषी ठहराया है। जैसे ही कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया, प्रज्वल कोर्टरूम में ही फूट-फूटकर रोने लगे। उनकी आंखों से बहते आंसुओं ने उस पल को और भी भावुक कर दिया, जब एक पूर्व सांसद और देश के पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते का काला सच दुनिया के सामने आया। कोर्ट जल्द ही सजा का ऐलान करेगा, जिसका इंतजार पूरे देश को है।

क्या है ये दिल दहलाने वाला मामला?
प्रज्वल रेवन्ना पर उनके घर में काम करने वाली एक महिला ने यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया था। ये मामला तब और भयावह हो गया, जब बेंगलुरु के सार्वजनिक स्थानों पर कई पेन ड्राइव मिले। इन पेन ड्राइव में 3,000 से 5,000 वीडियो होने का दावा किया गया, जिनमें प्रज्वल को महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न करते देखा गया। हैरानी की बात ये थी कि इन वीडियो में पीड़ित महिलाओं के चेहरे तक को ब्लर नहीं किया गया था। इन वीडियो के सामने आने के बाद कर्नाटक में हंगामा मच गया। जनता का गुस्सा सड़कों पर उतर आया, और मामले की गंभीरता को देखते हुए SIT (विशेष जांच दल) का गठन किया गया।

जांच के दौरान प्रज्वल पर रेप, छेड़छाड़, ब्लैकमेलिंग और धमकी देने जैसे संगीन आरोप लगे। एक और चौंकाने वाला खुलासा ये हुआ कि प्रज्वल कथित तौर पर पीड़ित महिलाओं को रेप के बाद सरकारी नौकरी का लालच देता था। उनके खिलाफ कुल चार मामले दर्ज हैं, जिनमें से एक में उन्हें दोषी करार दिया गया है। बाकी मामलों में कोर्ट का फैसला जल्द ही आ सकता है।

कौन हैं प्रज्वल रेवन्ना?
प्रज्वल रेवन्ना कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं। वे देश के पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते हैं। उनके परिवार का राजनीति में गहरा रसूख रहा है। उनके दादा प्रधानमंत्री, चाचा मुख्यमंत्री और पिता मंत्री रह चुके हैं। प्रज्वल पिछले 10 सालों से जनता दल (एस) के साथ सक्रिय राजनीति में थे और 2019 में हासन से लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने थे। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

कब और कैसे सामने आया ये घिनौना सच?
ये शर्मनाक मामला 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान तब सामने आया, जब 26 अप्रैल को दूसरे चरण के मतदान से ठीक पहले कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। इन वीडियो ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। कर्नाटक राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष नागलक्ष्मी चौधरी ने तुरंत कार्रवाई की मांग की और कांग्रेस सरकार को पत्र लिखा। इसके बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए, जिसने प्रज्वल के काले कारनामों की परतें खोल दीं।

जनता में आक्रोश, पार्टी ने भी दिखाया बाहर का रास्ता
इस मामले के सामने आने के बाद कर्नाटक में जनता का गुस्सा फूट पड़ा। प्रज्वल की करतूतों ने न केवल उनके परिवार, बल्कि जनता दल (एस) की साख को भी दागदार कर दिया। पार्टी ने तुरंत कदम उठाते हुए प्रज्वल को निलंबित कर दिया। लेकिन सवाल ये है कि क्या ये निलंबन पीड़ित महिलाओं को न्याय दिला पाएगा?

अब क्या होगा आगे?
प्रज्वल रेवन्ना को एक मामले में दोषी ठहराया जा चुका है, लेकिन उनके खिलाफ बाकी तीन मामलों में भी जांच जारी है। कोर्ट का अगला फैसला और सजा का ऐलान इस मामले को और स्पष्ट करेगा। ये मामला न केवल कर्नाटक, बल्कि पूरे देश के लिए एक सबक है कि सत्ता और रसूख की आड़ में कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।

ये कहानी उन पीड़ित महिलाओं की है, जिन्होंने हिम्मत दिखाकर अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। ये कहानी उस समाज की है, जो अब ऐसी घिनौनी हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेगा। प्रज्वल रेवन्ना का ये पतन हमें याद दिलाता है कि सच और न्याय की जीत अंत में जरूर होती है।

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