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Sharda Sinha: बिहार की धरोहर शारदा सिन्हा का निधन, छठ गीतों से लोगों के दिलों में हमेशा रहेंगी जीवित

Sharda Sinha: बिहार की धरोहर शारदा सिन्हा का निधन, छठ गीतों से लोगों के दिलों में हमेशा रहेंगी जीवित

बिहार की सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) का निधन हो गया। उन्होंने मंगलवार को दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) में आखिरी सांस ली। उनकी तबीयत काफी दिनों से खराब चल रही थी और वेंटिलेटर पर उन्हें रखा गया था। उनके पुत्र अंशुमन लगातार उनकी सेहत की जानकारी दे रहे थे, और परिवार व प्रशंसकों को उनके ठीक होने की उम्मीद थी, लेकिन शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) जिंदगी की जंग हार गईं। उनका देहांत न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के संगीत प्रेमियों के लिए एक गहरा सदमा है। इस बीच, उनकी आवाज़ में गाए गए छठ गीत (Chhath Geet) हर जगह गूंज रहे हैं, जो उनकी अनुपस्थिति को और अधिक दुखद बना रहे हैं।

शारदा सिन्हा: बिहार की लोक संस्कृति का अभिन्न हिस्सा

शारदा सिन्हा का संगीत न केवल मनोरंजन का साधन था, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को सजीव करने का माध्यम भी था। उन्होंने अपने गायन के माध्यम से देश-विदेश में बिहार की संस्कृति का परिचय कराया। उनके गाए छठ गीतों में एक मर्मस्पर्शी गहराई है जो श्रोताओं को अपने भावनाओं में बहा ले जाती है। इस तरह छठ गीत (Chhath Geet) उनके द्वारा सिर्फ गाए हुए गाने नहीं, बल्कि उनके द्वारा संरक्षित एक लोक धरोहर है।

उनकी आवाज में छठ महापर्व के गीत, जो हर साल सुनाई देते हैं, अब उनकी स्मृति के रूप में हमेशा बजते रहेंगे। संगीत की दुनिया में उनका योगदान अनमोल है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। शारदा सिन्हा का संगीत प्रेम और उनकी छठ गीतों की मधुर ध्वनि उनकी एक अलग पहचान बनाती है।

सोमवार की रात बिगड़ी तबीयत, वेंटिलेटर पर किया गया था शिफ्ट

पिछले कुछ दिनों से शारदा सिन्हा की तबीयत खराब चल रही थी। उन्हें इलाज के लिए दिल्ली एम्स में भर्ती करवाया गया था। पहले उनका इलाज आईसीयू में चला, लेकिन स्थिर स्थिति के बाद उन्हें प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। सोमवार को अचानक उनकी तबीयत और बिगड़ गई और उन्हें फिर से वेंटिलेटर पर ले जाना पड़ा। उनके बेटे अंशुमन ने सोशल मीडिया पर उनकी तबीयत से जुड़ी जानकारी दी थी और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की थी।

परिवार के साथ-साथ उनके प्रशंसक भी उनके ठीक होने की कामना कर रहे थे। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर उनके जल्द स्वस्थ होने की उम्मीद जताई थी। परन्तु इस बार शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) अपनी बीमारी से नहीं लड़ सकीं और उनकी सांसें थम गईं। उनका निधन छठ महापर्व के दौरान होना, प्रशंसकों को और भी ज्यादा मर्माहत कर गया है।

हाल ही में पति का निधन, मुश्किल दौर से गुजर रही थी शारदा सिन्हा

शारदा सिन्हा के लिए यह समय बहुत कठिनाइयों से भरा था। कुछ ही समय पहले उनके पति का भी ब्रेन हैमरेज के कारण निधन हो गया था। उनके निधन के बाद शारदा सिन्हा को यह आघात झेलना पड़ा था। परिवारजनों और प्रशंसकों के लिए यह समय कठिनाईयों का दौर साबित हो रहा है। उनका जाना न केवल संगीत जगत के लिए, बल्कि उनके चाहने वालों के लिए भी एक अपूरणीय क्षति है।

शारदा सिन्हा ने अपनी जिंदगी में कई मुश्किलों का सामना किया, लेकिन अपनी आवाज़ और संगीत के प्रति प्रेम से उन्होंने हर बाधा को पार किया। उनके गीत, उनकी संगीत साधना की गवाही देते हैं। बिहार की लोक संस्कृति को पूरे देश और विदेश में पहुंचाने में उनका योगदान अमूल्य है।

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