भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 के पहले तीन चरणों में कम मतदान प्रतिशत के कारणों की गहन समीक्षा शुरू की है। पहले दो चरणों में मतदान प्रतिशत में गिरावट देखी गई, जबकि तीसरे चरण में थोड़ा सुधार हुआ। भाजपा ने अपने पन्ना प्रमुखों से जमीनी स्तर पर रिपोर्ट मांगी है कि क्या वे मतदाताओं को मतदान केंद्र तक ले जाने में सफल रहे हैं।
इस समीक्षा के दौरान, भाजपा ने पाया कि कई पन्ना प्रमुखों ने स्वीकार किया कि वे मतदाताओं तक पहुंचे ही नहीं हैं। इसका कारण ये माना जा रहा है कि जनता के बीच ये धारणा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर से जीत रहे हैं, जिससे कई कार्यकर्ता जनता को मतदान केंद्र तक ले जाने के प्रति उदासीन हो गए हैं।
भाजपा के नेताओं ने इसे एक बड़ी समस्या माना है, क्योंकि इससे जनता के बीच ये संदेश जा रहा है कि भाजपा की जीत सुनिश्चित है, जिससे मतदान केंद्र तक जाने की प्रेरणा कम हो रही है। इस स्थिति को सुधारने के लिए भाजपा अपने पन्ना प्रमुखों के कार्यों की समीक्षा कर रही है और उनसे जमीनी स्तर पर रिपोर्ट मांग रही है। इसके अलावा, भाजपा ने अपने प्रभारियों से भी सवाल किया है कि प्रति पन्ना के लिहाज से पन्ना प्रमुख कितने लोगों को मतदान केंद्र तक ले जाने में सफल रहे हैं और मतदाताओं की प्रमुख शिकायतें क्या थीं।
इस समीक्षा के माध्यम से भाजपा ये जानने की कोशिश कर रही है कि उसके कार्यकर्ता अपने मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक ले जाने में कितने सफल रहे हैं और चुनाव के प्रमुख मुद्दे क्या रहे हैं। इसके अलावा, भाजपा ये भी जानना चाहती है कि क्या उसके मतदाताओं ने वास्तव में मतदान किया है और अगर नहीं, तो उसके कारण क्या हैं। इस प्रक्रिया के माध्यम से भाजपा अपनी चुनावी रणनीति में सुधार करने की कोशिश कर रही है।
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